
दहेजहत्या के मामले में पति को 10 वर्ष की कैद, 8 हजार रुपए का जुर्माना,दहेजहत्या के मामले में पति को 10 वर्ष की कैद, 8 हजार रुपए का जुर्माना
छतरपुर। विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी पति को धारा 304 बी में 10 वर्ष की कठोर कैद सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 498ए में 2 वर्ष की कठोर कैद व 3 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। एडवोकेट वशिष्ठ नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि 20 अगस्त 2006 को मृतका की सास कपूरी देवी ने सिविल लाइन थाना में सूचना दी थी कि उसका लड़का रामकृष्ण व उसकी पत्नी हेमा तिवारी उसके निजी मकान नरसिंहगढ़पुरवा में रह रहे हैं और 5.30 बजे सुबह के लगभग हेमा ने फांसी लगा ली है। मामले में पुलिस के द्वारा मर्ग कायम कर जांच की। जिसके बाद पुलिस ने रमाशंकर तिवारी, मृतिका का ससुर, कपूरी देवी, मृतका की सास साधना व सीमा मृतका की ननद पर भी धारा 304 बी, 498 ए भादस, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम एवं धारा 306 भादस के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। पुलिस की जांच के बाद मामला जिला न्यायालय के न्यायाधीश एसएस परमार की न्यायालय में आया और मामले का अवलोकन कर न्यायाधीश द्वारा पाया गया कि रामकृष्ण के द्वारा दहेज की मांग को लेकर प्रताडऩा कार्य की गई है, जिससे हेमा की मृत्यु हो गई। शासकीय अधिवक्ता रामदेव खरे के द्वारा आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का तर्क रखा गया। मामले में न्यायाधीश द्वारा यह भी पाया कि रमाशंकर पिता रामचंद्र तिवारी, कपूरी देवी पत्नी रमाशंकर तिवारी, सीमा तिवारी पिता रमाशंकर तिवारी व साधना दीक्षित के विरुद्ध धारा 304 बी, 498ए भादस व ३/४ दहेज अधिनियम व धारा 306 भारतीय दंड विधान की धारा से दोषमुक्त किया। और मृतका के पति रामकृष्ण तिवारी को धारा 304बी में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड से व धारा 498ए में 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 3 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
Published on:
11 Jan 2022 06:00 am
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