
यूटीएस से टिकट खरीदता यात्री
छतरपुर. डिजिटलीकरण को बढ़ावा देते हुए झांसी मंडल ने सभी आरक्षण और अनारक्षित टिकट काउंटरों पर क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई है। इस पहल के तहत यात्रियों को अब अधिक सरल, पारदर्शी और सटीक भुगतान प्रक्रिया का अनुभव मिलेगा। यह सुविधा यात्रियों के लिए बेहद सुविधाजनक साबित हो रही है, खासकर छोटे लेनदेन में भूल-चूक और फुटकर पैसे की समस्या को समाप्त हो गई है। वहीं, ऑनलाइन भुगतान से रिफंड की प्रक्रिया भी आसान हो गई है। क्यूआर कोड के माध्यम से किए गए टिकट भुगतान के रिफंड में 1 घंटे से लेकर 48 घंटे तक का समय लग सकता है। रिफंड जिस खाते से डेबिट हुआ है, उसी खाते में क्रेडिट होगा।
1.क्यूआर कोड स्कैन: यात्रियों को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, जिसमें भुगतान राशि और सभी आवश्यक जानकारी पहले से उपलब्ध रहती है। इससे भुगतान की प्रक्रिया और भी आसान और तेज हो जाती है।
3.पारदर्शी और सुरक्षित भुगतान प्रक्रिया: क्यूआर कोड के जरिए की गई लेनदेन पारदर्शी और पूरी तरह से सुरक्षित होती है, जिससे यात्रियों का विश्वास बढ़ता है।
झांसी और ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं, जहां केवल कैशलेस लेनदेन किया जाता है। इसके अलावा, मंडल के अन्य सभी स्टेशनों पर भी क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा वैकल्पिक रूप से उपलब्ध है, जिससे यात्रियों को डिजिटल भुगतान की आदत डालने में मदद मिल रही है।
झांसी मंडल में यूटीएस, पीआरएस के साथ अब पार्सल में भी क्यूआर कोड से भुगतान की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा झांसी, ग्वालियर, मुरैना, बांदा, ललितपुर, उरई, चित्रकूट, खजुराहो, महोबा तथा भिंड स्टेशन के पार्सल कार्यालय में उपलब्ध कराई गई है। इसमें पेटीएम, गूगल पे और फोन पे से भुगतान किया जा सकता है।
मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने यात्रियों से अपील की है कि वे रिफंड प्रक्रिया को लेकर चिंतित न हों और डिजिटल माध्यमों से भुगतान करने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, यह पहल न केवल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रही है, बल्कि यह भारत सरकार के डिजिटल अभियान का भी हिस्सा है। हम लगातार इस दिशा में प्रयासरत हैं ताकि यात्रियों को बिना किसी कठिनाई के उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान की जा सकें।
Published on:
24 Dec 2024 10:38 am
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