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छतरपुर में गैस रिफिलिंग का अवैध कारोबार बना जनजीवन के लिए खतरा, प्रशासन की अनदेखी से बढ़ा जोखिम

पन्ना नाके जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र, जहां कलेक्टर का बंगला भी स्थित है, वहीं से चंद कदमों की दूरी पर धड़ल्ले से अवैध रिफिलिंग हो रही है। यह न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि एक बड़े हादसे की आशंका को भी बल देता है।

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रिफलिंग के लिए ऐसे आ रहे सिलेंडर

छतरपुर. शहर में अवैध गैस रिफिलिंग का गोरखधंधा अब आम जनता की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। पन्ना नाके जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र, जहां कलेक्टर का बंगला भी स्थित है, वहीं से चंद कदमों की दूरी पर धड़ल्ले से अवैध रिफिलिंग हो रही है। यह न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि एक बड़े हादसे की आशंका को भी बल देता है।

पन्ना नाका तिराहे पर करीब 30 से अधिक कारोबारी प्रतिदिन घरेलू गैस सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में अवैध रूप से रिफिलिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं, करीब 100 से अधिक सिलेंडरों का स्टॉक भी इन कारोबारियों ने एक ही स्थान पर जमा कर रखा है। जानकारों का कहना है कि इस प्रकार की रिफिलिंग में गैस रिसाव की संभावना अधिक होती है, जो किसी भी समय विस्फोट का कारण बन सकती है। भीड़भाड़ वाले इलाके में इस तरह की लापरवाही से बड़ा जनहानि का खतरा बना हुआ है।

पांच स्थानों पर हो रहा खुल्लमखुल्ला रिफिलिंग का काम

शहर के सब्जी मंडी, सौरा रोड, महोबा रोड, चौक बाजार, हटवारा जैसे प्रमुख और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में यह अवैध कार्य बिना किसी डर के किया जा रहा है। इन इलाकों में दिनभर हजारों लोग आते-जाते हैं, फिर भी किसी अधिकारी की निगाह इस पर नहीं पड़ती। जिला आपूर्ति विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति कर फाइल बंद कर दी जाती है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

कलेक्टर बंगला तक नहीं है सुरक्षित

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कलेक्टर के निवास स्थल के आसपास भी यह गतिविधि बेरोकटोक चल रही है। ऐसे में यदि कोई विस्फोटक घटना होती है, तो केवल आम जनता ही नहीं, जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। यह स्पष्ट संकेत है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा इस मामले की गंभीरता से अनदेखी की जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों की चिंता

स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे रोज़ाना इस खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इलाके में गैस की गंध तक महसूस की जाती है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत पर भी असर पड़ रहा है।

प्रशासन का जवाब

जिला आपूर्ति अधिकारी सीताराम कोठारे ने कहा, शहर में गैस की अवैध रिफिलिंग की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा। हालांकि यह बयान कई बार दोहराया जा चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी जस की तस बनी हुई है।

पत्रिका व्यू


छतरपुर शहर में अवैध गैस रिफिलिंग का यह कारोबार एक समय बम की तरह है, जो किसी भी समय विस्फोट कर सकता है। इससे पहले कि कोई बड़ी घटना घटे, प्रशासन और पुलिस को तत्काल सक्रिय होकर इन अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। अन्यथा, इसका खामियाजा आम जनता को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ सकता है।