सॉफ्टयेवयर से होगी रॉयल्टी की जांच
रेत सहित समस्त खदानों की जियो फैसिंग की जा रही है। समस्त खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को जीपीएस युक्त किए जाने की योजना भी है। चेक गेट के सॉफ्टवेयर को ईटीपी जारी करने वाले पोर्टल के साथ इंट्रीग्रेट कर बिना रॉयल्टी का भुगतान कर परिवहन करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ अवैध परिवहन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। साथ ही खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में आरएफ टैग लगाया जाएगा, जिसकी सहायता से वाहन की वैधता की जांच की जा सकेगी।
पुलिस सीधे नहीं कर सकेगी कार्रवाई
नए निर्देश के अनुसार खनिजों के अवैध उत्खनन, भंडारण परिवहन और ओवरलोड परिवहन पाए जाने पर पुलिस अब सीधे कार्रवाई नहीं करेगी। खनिजों के अवैध उत्खनन, भंडारण परिवहन और निश्चित मात्रा से अधिक परिवहन पाए जाने पर पुलिस द्वारा इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दी जाएगी। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगा।
कार्रवाई के लिए नियमों में संशोधन
नए नियमों के तहत खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण पर रोकथाम के लिए नियम 23 में प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा ही अधिकारिता के भीतर कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही उनके द्वारा आवश्यक होने पर संबंधित पुलिस थाने से पुलिस सहायता की मांग की जाएगी और पुलिस अधिकारी द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही जो अधिकारी और कर्मचारी जैसे पटवारी, सहायक उपनिरीक्षक प्राधिकृत नहीं है, उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं रहेगा।
इनका कहना है
जिले में दो एआई चेक पोस्ट स्वीकृति हुए हैं। बांसपहाड़ी में तीसरा चेक पोस्ट बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जिले में ज्यादा ट्रैफिक वाले तीनों स्थलों पर एआई चेक पोस्ट बनाए जाएंगे।
अमित मिश्रा, उप संचालक, खनिज