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जिले में यूरेनियम के भंडार और भूवैज्ञानिक तथ्यों की दी जानकारी

महाराजा महाविद्यालय के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा पांच दिवसीय व्याख्यानमाला का हुआ आयोजनभूवैज्ञानिक एन के दत्ता ने छात्रों को पढ़ोगे तो बढ़ोगे का दिया मंत्र

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छात्रों को पढ़ोगे तो बढ़ोगे का दिया मंत्र

छात्रों को पढ़ोगे तो बढ़ोगे का दिया मंत्र

छतरपुर। मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार वल्र्ड बैंक प्रोजेक्ट के क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा 8 से 12 फरवरी तक पाँच दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। जिसमें रिसोर्स पर्सन के रूप में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के भूतपूर्व डायरेक्टर जनरल व प्रख्यात भूवैज्ञानिक एन के दत्ता द्वारा आर्थिक भूविज्ञान,भूविज्ञान के सैद्धांतिक व व्यवहारिक उपयोग से अवगत कराने के साथ ही विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को भी सुलझाया गया। साथ ही दुर्लभ उच्चकोटि की पुस्तकें व सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।
व्याख्यानमाला के पहले दिन आर्थिक भूविज्ञान का परिचय,महत्व व संभावनाएं,दूसरे दिन कोयले की उत्पत्ति,महत्व,विश्व, भारत,मध्यप्रदेश में कोयले की प्राप्ति,अन्वेषण व उत्खनन, तीसरे दिन पेट्रोलियम की उत्पत्ति,स्रोत स्थान,शोधन,उपयोग,प्राप्ति व दमोह जिले के जवेरा में पेट्रोलियम व गैस के भण्डार मिलने,चौथे दिन रेडियोधर्मी खनिज परिचय,महत्व और ऊर्जा के लिए संभावना,प्राप्ति व छतरपुर जिले के मड़देवरा में यूरेनियम,गुलगंज व खौफ-निवारी में क्वाट्र्ज भित्ति पाए जाने और बिजावर बेसिन में कई खनिजों के भंडार होने व भीमकुण्ड के आस-पास डोलोमाइट में स्ट्रोमेटोलाइट जीवाश्म पाए जाने की जानकारी दी। व्याख्यानमाला के अंतिम दिन फील्ड वर्क करने संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही प्रायोगिक समस्याओं को हल करने की तकनीकों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से समझाया गया। व्याख्यानमाला के समापन पर प्रख्यात भूवैज्ञानिक एन के दत्ता द्वारा विद्यार्थियों को सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए पढ़ोगे तो बढ़ोगे का मूल मंत्र दिया गया।
इस व्याख्यानमाला को प्रोफेसर डॉ ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह विभागाध्यक्ष भूगर्भशास्त्र,डॉ पीके जैन, राहुल ताम्रकार व ज्योति त्रिपाठी ने अत्यंत उपयोगी व महत्वपूर्ण बताते हुए प्रख्यात भूवैज्ञानिक श्री एन के दत्ता सर भूतपूर्व डायरेक्टर जनरल जीएसआई का हार्दिक आभार प्रकट किया। व्याख्यानमाला में शामिल भूगर्भशास्त्र स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों अश्विन बेहेरे ने इसे ज्ञान से भरपूर और मार्गदर्शी,काजल खरे ने कई वर्षों का अमूल्य अनुभव,सिर्फ पांच दिनों में प्राप्त होना बताया।