15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नए सिरे से बनेगा अंतरराज्यीय बस स्टैंड का नक्शा, हाउसिंग बोर्ड तैयार कराएगा डीपीआर

शासन से मिली मंजूरी, अब 58 करोड़ रुपए होगा आंकलित खर्च, भूमि हस्तांतरित

2 min read
Google source verification
 आइएसबीटी के लिए प्रस्तावित स्थल

आइएसबीटी के लिए प्रस्तावित स्थल

छतरपुर. झांसी खजुराहो फोरलेन से सटे केन्द्रीय विद्यालय के पीछे प्रस्तावित अतंरराज्यीय बस टर्मिनल का अब नए सिरे से नक्शा बनाया जाएगा। बस टर्मिनल का निर्माण हाउसिंग बोर्ड कराएगा, जिसके लिए शासन स्तर से मंजूरी भी मिल गई है। नए डीपीआर में बस टर्मिनल की लागत करीब 58 करोड़ आएगी। इसके पहले दो बार नगरपालिका छतरपुर दो बार डीपीआर बना चुकी है। लेकिन नगरपालिका टर्मिनल का निर्माण शुरु नहीं करा सकी। जिसके चलते शासन ने बस टर्मिनल निर्माण का काम अब हाउसिंग बोर्ड को सौंप दिया है।

भूमि ट्रांसफर की गई
हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि प्रमुख सचिव स्तर पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आइएसबीटी) के निर्माण की मंजूरी मिलने से अब नए सिरे से डीपीआर तैयार होगा। आइएसबीटी के निर्माण के लिए हाउसिंग बोर्ड के द्वारा 58 करोड़ की लागत से डीपीआर तैयार कराया जाएगा। पुनर्धनत्वीकरण योजना के तहत प्रोजेक्ट का निर्माम किया जाएगा। पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत आइएसबीटी के निर्माण में आने वाली लागत के बदले पुराने एसबीआई बैंक के पास प्रशासन ने जमीन हाउसिंग बोर्ड को उपलब्ध कराई है। साधिकार समिति के अध्यक्ष कलक्टर संदीप जीआर ने भूमि को हाउसिंग बोर्ड को एलाट कर दिया है। इसके चलते हाउसिंग बोर्ड अब आईएसबीटी का निर्माण कार्य करेगा।

दो बार डीपीआर तैयार, लेकिन नपा नहीं कराया पाया निर्माण
आइएसबीटी के निर्माण के लिए नगर पालिका ने गुजरात की जग ट्रेडर्स कंसल्टेंसी एजेंसी से दो बार डीपीआर तैयार कराया। इतना ही नहीं ड्राइंग और डिजाइन भी बनबाई । नगरपालिका ने ब्लू प्रिंट भी तैयार कराया, लेकिन लाखों के खर्च के बाद भी प्रोजेक्ट बजट के अभाव में अटका रहा। नगर पालिका ने बस स्टैंड के निर्माण के लिए राज्य सरकार से बजट मांगा, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। इसके साथ ही बस स्टैंड का पीपीसी मोड पर निर्माण कराए जाने की सलाह देते हुए राज्य सरकार ने बजट स्वीकृत किए जाने में हाथ खड़े कर लिए। इसी के चलते बस स्टैंड का प्रोजेक्ट तीन साल से धरातल पर नहीं उतर पा रहा है।


नगरपालिका ने भी बनाया था रिवाइज्ड डीपीआर
अहमदाबाद की जग ट्रेडर्स ने संशोधन के मुताबिक पिछले साल ही बस स्टैंड की ड्राइंग में प्रस्तावित बदलाव कर दिया। पूर्व में प्रस्तावित 50 करोड़ की लागत के बजाए 66 करोड़ रुपए के खर्च से 400 बसों के एक साथ यहां खड़े होने की व्यवस्था के मुताबिक ड्राइंग व डीपीआर बनाया गया। टर्मिनल में रेस्टारेंट, वेटिंग एरिया, पार्किंग जोन, टिकट काउंटर और अलग-अलग क्षेत्रों की बसों के लिए एरिया निर्धारित किया गया। आइएसबीटी में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, मल्टीप्लेक्स, फ्यूल स्टेशन, यात्री प्रतीक्षालय, रिटायरिंग रूम, होटल और रेस्टोरेंट के साथ ग्रीन बेल्ट तैयार करने को भी योजना में शामिल किया गया।

कई राज्यों तक जाती है बसें
शहर के व्यस्त बस स्टैंड पर दिन में रोज करीब 400 से अधिक बसों का आवागमन होता है। यहां से यूपी रोडवेज, बहुत सारीं प्राइवेट बसें इंदौर, भोपाल, प्रयागराज, झांसी, आलीगढ़, उज्जैन, कानपुर, चित्रकूट, अजमेर, कोटा, नागपुर, महोबा, बांदा, दमोह, जबलपुर, पन्ना, सतना, रीवा, टीकमगढ़, गौरिहार, लवकुशनगर, महाराजपुर, बिजावर, हरपालपुर सहित अनेक शहरों और नगरों के लिए चलती हैं। ऐसे में यहां सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही बनी रहती है।

इनका कहना है
नवीकरण योजना के तहत किया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए पीएस स्तर से मंजूरी मिल गई है। जल्द ही आईएसबीटी का डीपीआर तैयार करने के लिए कंसल्टेंसी एजेंसी नियुक्ति की जाएगी।
जय सिंह, सब इंजीनियर, हाउसिंग बोर्ड