20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

55 करोड़ में बनेगा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, एक साथ खड़ी होगी 400 बसें

मध्यप्रदेश में 55 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनने जा रहा है, जिसमें एक साथ करीब चार सौ से अधिक बसें खड़ी हो सकेंगी.

3 min read
Google source verification
55 करोड़ में बनेगा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, एक साथ खड़ी होगी 400 बसें

55 करोड़ में बनेगा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, एक साथ खड़ी होगी 400 बसें

छतरपुर. मध्यप्रदेश में 55 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनने जा रहा है, जिसमें एक साथ करीब चार सौ से अधिक बसें खड़ी हो सकेंगी, इस बस टर्मिनल में पार्किंग से लेकर एटीएम तक सभी सुविधाएं होंगी। पहले 40 करोड़ से निर्मित होने वाले इस बस टर्मिनल को अब 55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा।

मध्यप्रदेश छतरपुर नपाध्यक्ष ज्योति चौरसिया का कहना है कि अंतरराज्यीय बस स्टैंड का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। परिषद ने बजट भी 40 करोड़ से बढ़ाकर ने 55 करोड़ कर दिया है। बजट की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। हम शासन से राशि मंजूर कराएंगे। बस स्टैंड का निर्माण हर हाल में किया जाएगा। परिषद् अतिशीघ्र ही प्रस्ताव भोपाल भेजेगी।

शहर में यात्री बसों के दवाब को कम करने के लिए झांसी खजुराहो फोरलेन पर प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल का प्रोजेक्ट तीन साल से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जमीन आंवटन के बाद दो साल से अटक रहे शहर में बनाए जाने वाले नए अंतरराज्यीय बस टर्मिनल का मामला एक बार फिर अटक गया है। राज्य सरकार के अनुदान से निर्माण की पहली योजना दरकिनार होने पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप का प्रस्ताव बनाया गया। जिसके मुताबिक रिवाइज्ड डीपीआर भी बना, लेकिन अब पीपीपी मोड को लेकर नगर पालिका परिषद ने अहसमति जता दी है। इसलिए अब तीसरी बार डीपीआर बनाया जाएगा।

कई राज्यों तक जाती है बसें

शहर के व्यस्त बस स्टैंड पर दिन में रोज करीब 400 से अधिक बसों का आवागमन होता है। यहां से यूपी रोडवेज, बहुत सारीं प्राइवेट बसें इंदौर, भोपाल, प्रयागराज, झांसी, आलीगढ़, उज्जैन, कानपुर, चित्रकूट, अजमेर, कोटा, नागपुर, महोबा, बांदा, दमोह, जबलपुर, पन्ना, सतना, रीवा, टीकमगढ़, गौरिहार, लवकुशनगर, महाराजपुर, बिजावर, हरपालपुर सहित अनेक शहरों और नगरों के लिए चलती हैं। ऐसे में यहां सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही बनी रहती है।

अहमदाबाद की जह ट्रेडर्स ने संशोधन के मुताबिक पिछले साल ही बस स्टैंड की ड्राइंग में प्रस्तावित बदलाव कर दिया। पूर्व में प्रस्तावित 50 करोड़ की लागत के बजाए 66 करोड़ रुपए के खर्च से 400 बसों के एक साथ यहां खड़े होने की व्यवस्था के मुताबिक ड्राइंग व डीपीआर बनाया गया। टर्मिनल में रेस्टारेंट, वेटिंग एरिया, पार्किंग जोन, टिकट काउंटर और अलग-अलग क्षेत्रों की बसों के लिए एरिया निर्धारित किया गया। आइएसबीटी में कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, मल्टीप्लेक्स, फ्यूल स्टेशन, यात्री प्रतीक्षालय, रिटायरिंग रूम, होटल और रेस्टोरेंट के साथ ग्रीन बेल्ट तैयार करने को भी योजना में शामिल किया गया।

इंदौर की तर्ज पर बनाया था प्लान

बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए स्टॉपेज का रूट निर्धारित किया जाएगा। इससे यात्रियों को बस को तलाशने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही टू और फोर व्हीलर की भी अलग-अलग पार्किंग तैयार करने का डीपीआर तैयार किया गया है। इंदौर की तर्ज पर पीपीपी मॉडल से आइएसबीटी के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किया गया है।

आइएसबीटी अटकने और शहर में मौजूद श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराज्यीय बस स्टैंड की समस्याओं के चलते यात्रियों की परेशानी बढ़ रहीं हैं। बस स्टैंड के बाहर जाम, अंदर अव्यवस्थाओं से लोग परेशान हैं। रोजाना 400 बसों के संचालन से पुराने समय का बस स्टैंड नाकाफी साबित हो रहा है। बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए न तो प्रतीक्षालय साफ और व्यवस्थित हैं, न पीने के पानी की व्यवस्था है। बस स्टैंड परिसर में कहीं भी रखी गुमटियों, बसों के आगे अड़ाकर खड़े किए फल व अन्य खाद्य-पेय बिक्री के हाथ ठेले व आटो के कारण बसों व यात्रियों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। बस स्टैंड के प्रवेश द्वार पर दिन में कई बार जाम लग जाना आमबात है। ऐसे में लोगों को खासी परेशानी होती है। परिसर में आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं। अतिक्रमण करने वाले अपने दुकान की हद और सीमाएं भूलकर परिसर में कब्जा किए हैं, जिससे बसों के लिए जगह कम पड़ने लगी है।

यह भी पढ़ेः बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री को मिली क्लीनचिट, नागपुर वाले पर मानहानि का केस