
कानपुर सागर नेशनल हाइवे
छतरपुर. एनएच-34 पर सागर-कानपुर फोरलेन का काम लगातार पिछड़ता जा रहा है। सागर से कबरई तक 232 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) पांच फेज में कर रही है। डेढ़ साल की देरी के बाद एनएचएआई ने पांचों फेज की टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया है, लेकिन अब भी अगले 6 माह तक निर्माण शुरू होने की संभावना नहीं है। दरअसल, फेस-3 और 4 का मुआवजा वितरण अभी तक नहीं हुआ है। वहीं फेज-5 में वन विभाग की मंजूरी की प्रक्रिया न होने के कारण निर्माण कार्य अटका हुआ है। इस कारण प्रोजेक्ट का लगातार पिछड़ता जा रहा है।
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी 2023 में सागर-कानपुर फोरलेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। एनएचएआई ने वर्ष 2026 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 232 किलोमीटर सडक़ों का निर्माण किया जाना है। पहले फेज के तहत सागर से मोहारी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाइवे का काम एनएचएआई की सागर इकाई के अधीन तेजी से चल रहा है।
फेज नंबर दो, तीन, चार और पांच के तहत 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण किया जाना है। इन चारों फेज का काम एनएचएआई के छतरपुर डिवीजन के अधीन है। दूसरे फेज के तहत मोहारी से साठिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किलोमीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिए 351 करोड़ रुपए लागत का टेंडर मंजूर किया गया है। यह टेंडर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को मिला है। हालांकि यहां वन विभाग की मंजूरी में देरी के कारण काम रुकावट में था, लेकिन अब इसे पूरा कर लिया गया है। दूसरे फेज के हिस्से में निर्माण हाल ही में शुरू हुआ है।
छतरपुर जिले की सीमा में सांठिया घाटी से चौका गांव तक तीसरे फेज में काम किया जाना है। इसका टेंडर वेल्जी रत्ना सोराठिया इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला है। तीसरे फेज में 55 किलोमीटर लंबा फोरलेन सडक़ का निर्माण 717 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक चौथे फेज में कुल 43 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण किया जाना है। इसका टेंडर एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर गुजरात को मिला है। चौथे फेज में 43 किलोमीटर लंबी सडक़ 688 करोड़ रुपए की लागत से कंपनी निर्माण करेगी।
फोरलेन का काम शुरू करने से पहले 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण जरूरी है। फेज-एक में मुआवजा राशि का प्रारंभिक आकलन 20 करोड़ रुपए और फेज-चार के लिए 10 करोड़ रुपए का किया गया है, लेकिन अब तक 5 प्रतिशत भी मुआवजा वितरण नहीं हो सका है। 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण में 6 माह से अधिक समय लगना तय है।
छतरपुर जिले की सीमा में सांठिया घाटी से चौका गांव तक तीसरे फेज में और चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक चौथे फेज में कुल 98 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण किया जाना है। डीपीआर के अनुसार भूमि अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफिकेशन का प्रकाशन हो गया है, कुछ हिस्सों में मुआवजा राशि का आकलन भी कर लिया गया है। जिले के बड़ामलहरा, बिजावर, छतरपुर और नौगांव विकासखंड में भूमि अधिग्रहण कार्रवाई चल रही है, लेकिन अब तक मुआवजा का वितरण नहीं किया गया है।
पांचवें फेज के तहत मप्र की सीमा पर स्थित कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। हालांकि, इस रोड का निर्माण कभी भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। यहां पर मुआवजा वितरण चल रहा है, लेकिन काम शुरू करने में सबसे बड़ी रुकावट जिला महोबा (उप्र) की सीमा में वन विभाग की अनापत्ति के कारण है।
सागर-कबरई प्रोजेक्ट के सभी फेज के टेंडर हो चुके हैं। फेज-3 और फेज-4 में मुआवजा वितरण के लिए एसडीएम बड़ामलहरा, बिजावर, छतरपुर और नौगांव कार्यालय के साथ काम कर रहे हैं। मुआवजा राशि के लिए बजट की कमी नहीं है। 80 प्रतिशत मुआवजा वितरण होने पर अगस्त-सितंबर माह तक निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।
देवेंद्र चापेकर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई
Published on:
14 Feb 2025 10:46 am
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