गांवों के खसरे संपदा सॉफ्टवेयर में नहीं हो रहे एक्सेप्ट
गांवों के किसानों के खसरे आधार से लिंक नहीं होने के कारण संपदा 2.0 के सॉफ्टवेयर में आईडी जनरेट नहीं हो पाएगी। ऐसे में खसरे की आधार से ई केवाईसी न होने के कारण संपदा के सॉफ्टवेयर डाटा एक्सेप्ट नहीं करेगा। इसके साथ गांवों के नक्शे का अपडेशन नहीं होने के कारण भी संपदा का सॉफ्टवेयर काम नहीं करेगा। ऐसे में संपदा के सॉफ्टवेयर में डाटा मिसमैच हो जाएगा।
कर का भुगतान करने वालों की ही आईडी मौजूद
जिले भर की नगरीय निकाय के पास सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स भरने वाले की आईडी जनरेट है। इसके चलते जिलेभर की निकाय की प्रॉपर्टी की 50 फीसदी से अधिक की आईडी जनरेट नहीं है। ऐसे में निकायों में प्रॉपर्टी की आईडी जनरेट नहीं होने के कारण राजस्व लॉस की भी आशंका है। प्रत्येक रजिस्ट्रेशन में निकायों को उपकर मिलने के बाद भी 50 फीसदी से अधिक आईडी जनरेट नहीं है।
चार विभाग जुड़े नए सॉफ्टवेयर से
राजस्व विभाग से खसरा नंबर सहित अन्य जानकारी लिंक होंगी। ट्रेजरी ऑफिस से खातों के लेन-देन का रिकॉर्ड रहेगा । उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था बदल गई है। सभी जगह एक-एक आईडी बनेगी। उस आईडी को संपदा दो के सॉफ्टवेयर में डालेंगे तो पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। अभी एक माह तक संपदा-2 और संपदा – 1 के तहत रजिस्ट्री होगी।
इनका कहना है
राजस्व विभाग में पूरी तरह खसरा, नक्शा और नक्शा विहीन गांवों डाटा अपडेट नहीं है। नगर पालिका और नगर परिषद के पास केवल प्रॉपर्टी टैक्स पेड करने वाली संपत्ति की आईडी है।
आदित्य सोनकिया, अधीक्षक, भू-अभिलेख