
प्रोफेसर शुभा तिवारी, कुलगुरु
छतरपुर. संवाद के महत्व पर महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी ने संवाद कौशल और भाषा के विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए। संवाद के प्रभावी होने के लिए सही सुनने की कला और शारीरिक भाषा की अहमियत पर बात करते हुए उन्होंने यह बताया कि एक अच्छा संवादकर्ता बनने के लिए मानसिक लचीलापन और आत्मसमीक्षा का होना जरूरी है।
उत्तर- संवाद का सबसे महत्वपूर्ण पहलू सुनना है। यदि व्यक्ति एकाग्रचित्त होकर नहीं सुन सकता, तो वह प्रभावी रूप से संवाद भी नहीं कर सकता है। सुनने का प्रशिक्षण बेहद जरूरी है। इसको समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जैसे हम अपनी मातृभाषा को बिना व्याकरण पढ़े आत्मसात करते हैं, वैसे ही किसी भाषा को सहज रूप से सीखना चाहिए।
उत्तर- संवाद में विचार स्पष्ट और भाषा सरल होनी चाहिए। शब्दों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है, और संवाद में चित्र, कल्पना, आकृति या विम्ब का प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि संदेश सही तरीके से समझा जा सके। व्याकरण के बारे में, यह ध्यान रखना चाहिए कि भाषा के लिए व्याकरण की अहमियत है, लेकिन कभी भी उसे इतना हावी नहीं होने देना चाहिए कि वह भाषा को जटिल बना दे।
उत्तर- जी हां, कई लोग अंग्रेजी बोलते समय गलती करने से डरते हैं और लज्जित महसूस करते हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगी कि यह बिल्कुल अनावश्यक है। अंग्रेजी जैसी कोई भी भाषा एक सामान्य भाषा है, जिसका प्रयोग हमें आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए। जब हम सही उच्चारण और अच्छे शब्दों को सुनते, पढ़ते और बोलते हैं, तब भाषा सहज रूप से प्रभावी होती है।
उत्तर- शारीरिक भाषा का संवाद में बहुत बड़ा योगदान होता है। हमारे शरीर का आसन, मुखारबिंद की स्थिति, हाथों की संतुलित गति, आदि, संवाद को और प्रभावी बनाते हैं। हालांकि, इसे अधिक नकारात्मक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए। किसी व्यक्ति की शारीरिक भाषा के आधार पर हमें तुरंत कोई आकलन नहीं करना चाहिए। यह निरंतर बदलने वाली प्रक्रिया है।
उत्तर- मानसिक लचीलापन बहुत महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति स्वयं का निरीक्षण करता है और यह मानता है कि वह भी गलती कर सकता है और सुधार सकता है, वह एक अच्छा संवादकर्ता होता है। एक अच्छे संवादकर्ता में यह लचीलापन होना चाहिए कि वह अपनी राय बदलने में सक्षम हो।
उत्तर- अच्छे संवाद के लिए सबसे पहले मानसिक लचीलापन होना चाहिए। इसके अलावा, एक व्यक्ति का ह्रदय से युवा होना चाहिए, जो सीखने की चाह रखता हो। अगर हम अपनी बातों को और किए गए कार्यों को एक जैसा रखते हैं, तो हमारी विश्वसनीयता अपने आप बढ़ जाती है। अच्छे संवाद से व्यक्तित्व का निर्माण होता है और यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की ओर मार्ग प्रशस्त करता है।
Published on:
24 Feb 2025 10:34 am
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