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श्रमिक एक्सप्रेस से छतरपुर पहुंचे अलवर व कटरा में फंसे प्रवासी मजदूर

अलवर से सुबह 8.25 और कटरा से दोपहर 2 बजे पहुंचे श्रमिकों को बसों से भेजा गया घरघर वापसी से पहले स्क्रीनिंग और नाश्ता-खाना देकर किया रवाना

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Screening before going to home

Screening before going to home

छतरपुर। राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापस अपने-अपने गृह जिलों में भेजने के लिए विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही है। राजस्थान राज्य के अलवर जिले से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्रेस बुधवार को सुबह 08.25 बजे छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन के माध्यम से कुल 1478 प्रवासी मजदूर छतरपुर वापस लौटे। इसी तरह जम्मू कश्मीर के कटरा से श्रमिक एक्सप्रेस के माध्यम से 1493 प्रवासी मजदूर दोपहर 2 बजे छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे।
श्रमिकों की सुविधा के लिए छतरपुर रेलवे स्टेशन पर व्यवस्थाएं की गई थीं, जिसमें श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण, सेनेटाइजेशन, मजदूरों को अपने गृह जिले तक पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था के साथ-साथ मजदूरों को लंच पैकेट और प्रत्येक बस में पेयजल आपूर्ति के इंतजाम किए गए थे। विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से छतरपुर जिले के कुल 1715 प्रवासी मजदूर अपने गृह जिले वापस पहुंच सके हैं।
मल्लू बाई परिवार के साथ सकुशल पहुंची अपने गांव
राजस्थान के अलवर शहर से बुधवार की सुबह छतरपुर रेलवे स्टेशन पहुंची श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से छतरपुर सहित अन्य जिलों के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो गई है। श्रमिक ट्रेन से बिजावर तहसील की ग्राम डाही निवासी 38 वर्षीया मल्लू बाई अपने चार बच्चों के साथ ट्रेन से छतरपुर पहुंचने पर बहुत खुश थीं। मल्लू बाई ने कहा कि वे पिछले 10 वर्ष से अलवर की धागा फैक्ट्री में दिहाड़ी पर काम करती थीं, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए इस दौरान आर्थिक समस्या आने से कार्यस्थल पर रूकना चिंता की बात थी, क्योंकि बचत के पैसों से निरंतर परिवार का भरण-पोषण कब तक होता। भविष्य की अनिश्चिता के कारण बाहर रूकना और फैैक्ट्री प्रबंधन द्वारा समुचित इंतजाम के अभाव में मल्लू बाई ने वापस गांव आने का फैसला किया। उनकी इस मदद की घड़ी में प्रदेश सरकार की पहल पर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन बहुत बड़ा सहारा बनी। ट्रेन से घर वापसी के लिए टिकट की नि:शुल्क व्यवस्था और जिला प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशन से बस के द्वारा घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जानकारी लगने पर मल्लू बाई की खुशी दोगुनी हो गई।