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नामचीन दुकानों में मिल रहा मिलावटी मावा , गंदगी में बैठ तैयार की जा रही मिठाईयां

दीपावली की खुशी में कड़वाहट घोल रहीं घटिया किस्म के खोए की मिठाई

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chhatarpur

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छतरपुर। दीपावली पर उपहार के लिए तैयार हो रही मिठाइयों में भारी मात्रा में गोलमाल किया जा रहा है। शहर के नामचीन मिष्ठान भंडार के संचालकों भी इससे पीछे नहीं हैं। उसके द्वारा भी भारी मात्रा में मिलावटी और अमानक मावा से मिठाई तैयार कराई जा रही है। जो किसी के लिए भी नुकसान दायक हो सकती है। यहां पर मावा के साथ साथ बूंदी, बेसन, तेल, घी की भी गुणवत्ता को नजरंदाज कर जहां मिठाई ग्राहकों को परोसी जा रही है। इससे अनजान शहरवासियों में सस्ते के चक्कर में खुद के लिए आफत खरीदने की होड़ मची हुई है।
लागत से कम पर मिठाई, शुद्धता का सवाल
बूंदी का लड्डू बनाने के लिए एक किलो बेसन के साथ डेढ़ किलो चीनी, एक किलो घी या रिफाइन के अनुपात के साथ ही रसोई गैस और करीब 50 रुपए लेबर चार्ज लग रहा है। तब जाकर लगभग साढ़े तीन किलो लड्डू तैयार होते हैं। इसकी लागत बेसन के ८0, घी के 90, चीनी के 50 और लेबर के 50 रुपए के हिसाब से करीब ढाई सौ बैठ रही है, जो प्रति किलो अस्सी से ऊपर है। ऐसे में 80-100 रुपए किलो बूंदी का लड्डू मार्केट में बेच पाना संभव नहीं है।

मिलावट खोर ऐसे कर रहे गड़बड़
ड्राईफ्रूट, बेसन, घी, रिफाइन, चीनी, दूध, खोया आदि से मिठाई तैयार की जाती है, लेकिन त्योहारों पर मांग बढऩे और सामानों की उपलब्धता कम होने पर मुनाफाखोर शुद्धता से समझौता करने से नहीं चूकते। वह चने के बेसन में घटिया किस्म की सूजी, मैदा की मिलावट करते हंै। मैदा से सोनपापड़ी और लोबिया की दाल से इमरती व मैदा से जलेबी बनाई जा रही है। इमरती को असली जैसा बनाने के लिए आरारोट का भी इस्तेमाल करते हैं।

बिना ऑर्डर की मिठाइयों में हो रहा खेल
शहर में नियमित दुकानों के अलावा भी स्टाल लगाकर मिठाई बेची जा रही है। ग्राहकों को लुभाने के लिए कम रेट पर ऊंची क्वालिटी का शोर है। सही गलत की पहचान किए बगैर लोग गिफ्ट पैक खुद के इस्तेमाल के लिए भी वही मिठाई खरीद रहे हैं। खपत के अनुपात में डेयरी से दूध, पनीर, खोए की आपूर्ति नहीं हुई तो मिलावटी सामग्रियों को धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।

कम दाम पर कैसे मिलेगी क्वालिटी की मिठाई
नहीं चौक बाजार, बस स्टैंड, देरी रोड आदि में स्थित मिठाई विक्रेताओं का कहना है कि कम दाम पर बेहतर गुणवत्ता की मिठाई ग्राहकों को दे पाना संभव ही नहीं है। लिहाजा उनका रेट ऊंचा है। ऐसे में मिलावटी मिठाइयों के चलते उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। जिससे वह क्वालिटी को थोडा कमजोर कर मिठाईयों तैयार करते हैं।

छापामार कार्रवाई से सामने आया नामचीन दुकानों का सच
खाद्य विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान शहर की नामचीन दुकानों का सच सामने आ रहा है। शनिवार को विभाग द्वारा तीन नामचीन दुकानों पर कार्रवाई की गई। जिसमें से दो दुकानों में बडी लापरवाही सामने आई है। खाद्य निरीक्षक संतोष तिवारी ने बताया कि शनिवर को शहर के तीन प्रतिष्ठानों में छापामार कार्रवाई की गई थी। जहां से भारी मात्रा में गंदगी और अव्यावस्था पाई गई। उन्होंने बताया कि सबसे पहले शहर के पन्ना नाका में स्थित मोदी स्वीटस् में छापामार कार्रवाई की गई। जहां से भारी मात्रा में पुराना खोया पाया गया। दुकानदार द्वारा छत पर मावा छुपाकर रखा था। जिसे लेकर नष्ट कराया गया और वहीं पर जला हुआ तेल मिलने पर उसे भी नष्ट कराया गया। इसके अलावा इसी दुकान से तो मिठाई तैयार की जा रही थी। उस खोए की जांच के लिए सेंम्पिल लिए गए। वहीं छत्रसाल चौराहा में स्थित कृष्णा गोटीराम मिष्ठान में छापा मारा गया। जहां से भारी मात्रा में गंदगी पाई गई। जिस पर दुकान संचालक को हिदायत दी गई और जल्द ही साफ सफाई के निर्देश दिए गए थे।

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