
fiercely beaten by two youths for mobile theft in hajipur
छतरपुर. भैंसों की तस्करी की आशंका में मॉब लीचिंग की घटना समाने आई है। जिला मुख्यालय के देरी रोड तिराहे पर रविवार की सुबह 8.30 बजे मोटरसाइकिल सवार 10 लोगों ने भैंसों को ले जा रहे ट्रक को रोका। लाठियों और डंडो से ड्राइवर और उसके दो साथियों की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद पत्थर और लाठियों से ट्रक के सीसे और लाइटें तोड़ दी। भीड़ के हमले से बचने के लिए पीडि़त भागकर अजाक थाने में घुस गए,पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ट्रक ड्राइवर और उसके साथियों की जान बच सकी। पुलिस ने पीडि़तों की शिकायत पर मॉब लीचिंग के लिए प्रचलित धाराओं आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 327, 147, 148 और 153 ए के तहत केस दर्ज किया है। वहीं,ट्रक ड्राइवर के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम १९६० की धारा 11 डीइएफ के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
ऐसे हुई वारदात
थाना सिविल लाइन में दर्ज एफआइआर के अनुसार पीडि़त राजेश कुमार ,उम्र 39 वर्ष, निवासी ग्राम अमरोदा,थाना भोगनीपुर कानपुर देहात ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने साथियों विजय कुमार और शाहरुख के साथ ट्रक क्रमांक यूपी 77 टी 2389 लेकर जबलपुर से कानपुर जा रहे थे, जिसमें 24 नग भैंस का परिवहन किया जा रहा था। ट्रक रविवार की सुबह 8.30 बजे छतरपुर शहर के देरी तिराहा पर पहुंचा तो, मोटरसाइकिल सवार 10 लोगों ने ट्रक रोक लिया। पीडि़त राजेश ने एपआइआर में आरोप लगाया कि उन लोगों ने भैंसों के ट्रक को निकालने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की। रुपए देने से मना करने पर उन लोगों ने राजेश की लाठियों और डंडे से पिटाई शुरु कर दी। पिटाई से राजेश के बाएं गाल, दाहिने पैर की पिडली,पीठ और हांथ में चोंटे आई है,वही उसके साथियों को भी लाठियों से पीटा गया। पिटाई से बचने के लिए ड्राइवर राजेश ट्रक लेकर मौके से जैसे तैसे भागा और अनुसूचित जाति एवं जनजाति थाना में आकर घुस गया। आरोपियों ने थाना तक उनका पीछा किया। लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद पीडि़तों की जान बच गई। एफआइआर के अनुसार पुलिस ने रामा मिश्रा, सौरभ खरे, शुभम सोनी, भूपेन्द्र अवस्थी, अशोक कुशवाहा, निखिल चौरसिया और यादवेन्द्र सिंह को मौके पर पहचाना,जिनके नाम एफआइआर में दर्ज किए गए हैं।
बजरंग दल से जुड़े हैं आरोपी
छतरपुर जिले में पहली बार मॉब लीचिंग के तहत केस दर्ज किया गया है। जिन 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वे सभी बजरंग दल से जुड़े हुए हैं। चूंकि मॉब लीचिंग के लिए अभीतक अलग से कोई कानून या अधिनियम बना नहीं है, इसलिए पुलिस ने इनके खिलाफ मॉब लीचिंग के लिए अभी तक प्रचलित धाराओं के तहत ही केस दर्ज किया है। कानून के तहत आइपीसी की धारा 147 और 148 हथियारबंद होकर लूट या बल्वा के केस में लगाई जाती है। वहीं धारा 153 ए , धर्म या भाषा के नाम पर नफरत फैलान पर लगाई जाती है। इसके अलावा आइपीसी की धारा ३२७ जबरन वसूली, धारा 506 जान से मारने की धमकी, धारा 294 अश्लील गालियों या इशारों के लिए और ३२३ मारपीट कर चोट पहुंचाने के लिए लगाई जाती है। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर की शिकायत पर इन्हीं धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वहीं पुलिस ने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 डीइएफ के तहत केस दर्ज किया है। केस दर्ज करने के साथ ही ट्रक में सवार भैंसों को पुलिस ने जब्त कर गौशाला में रखवाया है। पीडि़तों के मेडिकल कराए गए हैं,जिसमें लाठी डंडे से चोट की पुष्टि हुई है। हांलाकि अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज
ट्रक ड्राइवर की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मॉब लीचिंग के तहत केस दर्ज किया गया है,वहीं ट्रक ड्राइवर के खिलाफ भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
विनायक शुक्ल,टीआइ सिविल लाइन
Published on:
22 Oct 2018 02:38 pm
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