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मॉडल कॉलेज भवन निर्माण अधूरा, फैकल्टी की कमी, कक्षाएं ठप, इसलिए इस वर्ष केवल 30 छात्रों ने लिया एडमिशन

महाविद्यालय में अब तक कक्षाएं संचालित नहीं हो सकी हैं। पूरा कॉलेज फिलहाल पांच अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा था, हालांकि इसी माह चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है। लेकिन शैक्षणिक गतिविधि जुलाई में ठप रही।

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निर्माणाधीन मॉडल कॉलेज भवन

शहर का मॉडल कॉलेज अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया है। हालात यह हैं कि कॉलेज का भवन पूरी तरह तैयार नहीं हो पाया है। जिससे छात्र भी एडमिशन में रूचि नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि महाविद्यालय में अब तक कक्षाएं संचालित नहीं हो सकी हैं। पूरा कॉलेज फिलहाल पांच अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा था, हालांकि इसी माह चार असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई है। लेकिन शैक्षणिक गतिविधि जुलाई में ठप रही।

चौथे चरण में मिल पाए छात्र

वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक सत्र के लिए अब तक केवल 30 छात्रों ने ही एडमिशन लिया है। इनकी संख्या भी सीएलसी के चौथे चरण के बाद ही तय हो पाएगी। पिछले सत्र में केवल 71 छात्र कॉलेज में पढ़ रहे थे। कॉलेज का वित्तीय नियंत्रण गर्ल्स कॉलेज के पास है। भवन निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी, जिसे पीआईयू लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जा रहा है।

कक्षाएं नहीं, कमरे कम

मॉडल कॉलेज पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। भवन निर्माण की लागत 6 करोड़ रुपए है, वहीं 3 करोड़ 54 लाख रुपए मेंटेनेंस व सामग्री (कंप्यूटर, लाइब्रेरी के लिए अलमारी, कुर्सी-टेबल आदि) के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 1.94 करोड़ रुपए की सामग्री कॉलेज प्राचार्य प्रो. एचडी अहिरवार द्वारा पहले ही खरीदी जा चुकी है। लेकिन कॉलेज में अभी पर्याप्त क्लासरूम ही उपलब्ध नहीं हैं। एक छोटे से कमरे में फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्रों की पढ़ाई की औपचारिकता पूरी की जाती रही है। इस सत्र की कक्षाएं अब तक प्रारंभ नहीं हुई हैं।चार स्थायी प्रोफेसर, 45 पद मंजूरकॉलेज में इस माह चार स्थायी प्रोफेसर टीकमगढ़ जिले से स्थानांतरित होकर आए हैं। इससे पहले कॉलेज दो वर्षों से केवल पांच अतिथि शिक्षकों के सहारे संचालित हो रहा था। कुल 45 पद स्वीकृत हैं, लेकिन छात्रों की संख्या इतनी कम है कि इस बार छात्रों की संख्या शिक्षकों से भी कम रह गई है।

भवन निर्माण में देरी

कॉलेज का भवन निर्माण कार्य नवंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन वर्तमान में यह अधूरा है। जिस रफ्तार से निर्माण कार्य चल रहा है, उससे अनुमान है कि यह कार्य इस वर्ष के अंत तक भी पूरा नहीं हो पाएगा। जबकि कॉलेज निर्माण की स्वीकृति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019 में दी गई थी।करोड़ों की सामग्री बंद कमरों में कैदकॉलेज प्रबंधन ने फरवरी माह में ही 1.94 करोड़ रुपए की सामग्री कंप्यूटर, एलसीडी, प्रोजेक्टर, कुर्सी-देबिल मंगा ली थी, जबकि भवन अब तक तैयार नहीं है। नतीजतन ये सभी सामग्री कमरों में बंद पड़ी है और उपयोग में नहीं लाई जा सकी है।

इनका कहना है

कॉलेज में अब तक तीस छात्रों ने प्रवेश लिया है। भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। एक अगस्त को सीएलसी राउंड के चौथे चरण की सूची आने के बाद कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी। फिलहाल एक कक्ष को साफ कर पढ़ाई की अस्थायी व्यवस्था की गई है।

सुनीता , सहायक प्राध्यापक, मॉडल कॉलेज