
Chhatarpur
छतरपुर। एमपीपीएससी में प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली महाराजा छत्रसाल नगरी छतरपुर की होनहार बेटी शिवांगी अग्रवाल डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होने के बाद शुक्रवार को अपने घर लौटी तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने मेहनत और लगन से सफलता की नई इबारत लिख दी। महज २३ साल की उम्र में एमपीपीएससी में चयन होने से शिवांगी के घर में जश्न का माहौल है। उन्हें बधाइयां देने वालों का तांता लगा है। इस दौरान पत्रिका ने इस सफलता के बारे में उनसे बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
प्र. आप ने इतनी कम उम्र में सफलता हासिल की। इसकी तैयारी किस तरह की।
उ. सबसे पहले मैं इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व भैया-भाभी को दूंगी और गुरुजनों को। सफलता बड़ी है तो इसके लिए मेहनत भी बहुत की गई।
प्र. कब शुरू कर दी थी तैयारी
उ. बैसे तो बचपन से ही यह सपना था कि प्रशासनिक सेवा में जाना है। वर्ष २०१५ में ग्रेजूएशन करने के बाद एमपीपीएसपी की तैयार शुरू की। प्री परीक्षा की तैयारी यहां छतरपुर में रहकर की। प्री में सफलता मिलने के बाद इंदौर जाकर तैयारी की।
प्र. किस तरह की मुख्य परीक्षा की तैयारी।
उ. ३१ मार्च को एमपीपीएससी का प्री का रिजल्ट आया। मई माह के अंतिम समय में मेरी एमकॉम अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा थी। जबकि जून में एमपीपीएससी की मुख्य परीक्षा थी। मैंने एमपीपीएससी की मुख्य परीक्षा पर ही फोकस किया। करीब ४० दिन इंदौर में इसकी तैयारी की। एमकॉम अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा छोड़ दी थी।
प्र. इंटरव्यू में क्या खास रहा।
उ. मुख्य परीक्षा में पास होने के बाद पूरा फोकस इंटरव्यू पर था। इंटरव्यू में तीन सदस्सीय बोर्ड था। इंटरव्यू करीब बीस मिनट तक चला। शुरुआती प्रश्न विद्यालय से जुड़े किए गए। इसके बाद प्रदेश स्तर के और उसके बाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रश्न किए गए। इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रश्न ज्यादा किए गए। बीस मिनट में करीब १५ से २० प्रश्न किए गए।
प्र- किस तरह के प्रश्न इंटरव्यू के दौरान पूछे गए।
उ. इंटरव्यू बोर्ड ने मुझसे पसंदीदा सब्जेक्ट बताने के लिए। तब मैंने बताया कि मेरा पसंदीदा सब्जेक्ट भारतीय संविधान है। इसके बाद मेरे इंटरव्यू की दिशा ही बदल गई और विधि संबंधित प्रश्न पूछे जाने लगे। इंटरव्यू बोर्ड ने एक इस तरह का प्रश्न पूछा कि एक महिला दहेज प्रताडऩा के चलते शादी के आठवें साल में आत्महत्या कर लेती है। ऐसी अवस्था में उसे दहेज हत्या माना जाएगा अथवा नहीं। इस सवाल का जवाब देते हुए मैंने बताया कि यह दहेज हत्या का मामला नहीं बनता लेकिन यह अपराध हुआ है तो सजा मिलेगी ही।
प्र. लिखित परीक्षा और इंटरव्यू का रिजल्ट कैसा रहा।
उ. लिखित परीक्षा का परिणाम सबसे से बेहतर रहा। एमपीपीएससी परीक्षा के दौरान १५७५ अंकों में से ९८९ अंक प्राप्त किए। वहीं लिखित परीक्षा में १४०० में से ८५१ अंक हासिल किए।
प्र. क्या आगे इंडियन सिविल सर्विस की ओर रुझान रहेगा।
उ. प्रशासनिक सेवा के माध्यम से ही जनसेवा करुंगी। आईएएस की तैयारी भी की जाएगी।
प्र. यहां के विद्यार्थियों के लिए संदेश।
उ. सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। लक्ष्य निर्धारित करें। मन लगाकर तैयारी करें। सफलता निश्चित मिलेगी।
Published on:
30 Dec 2017 10:56 am
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