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मान्यता के नए नियम: निजी स्कूल नए मान्यता नियमों का कर रहे विरोध, जिले में 45 फीसदी आवेदन लॉक ही नहीं कराए

नए नियमों के तहत 680 प्राइवेट स्कूलों में से 151 ने आवेदन ही नहीं किया, जबकि 529 स्कूलों ने आवेदन किया है। इनमें से भी मात्र 372 स्कूलों ने ही आवेदन लॉक कराए हैं।

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फोटो- सीएचपी 090225-72- जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय

छतरपुर. राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा निजी स्कूलों के मान्यता नवीनीकरण के लिए बनाए गए नए नियमों को लेकर जिले के स्कूल संचालकों में विरोध की लहर है। नए नियमों के तहत 680 प्राइवेट स्कूलों में से 151 ने आवेदन ही नहीं किया, जबकि 529 स्कूलों ने आवेदन किया है। इनमें से भी मात्र 372 स्कूलों ने ही आवेदन लॉक कराए हैं। यानि जिले में केवल 45 फीसदी ने ही आवेदन लॉक कराए हैं। जिन पर जिला शिक्षा केंद्र द्वारा जांच की जाएगी। जिन स्कूलों ने आवेदन नहीं किया या लॉक नहीं किए, उनकी मान्यता निरस्त मानी जाएगी।

ये है नए नियम


नए नियमों के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों को दस्तावेज की हार्ड कॉपी जमा करनी होगी। ऑनलाइन आवेदन के बाद बीआरसी द्वारा स्कूल का भौतिक सत्यापन किया जाता है, इसके बाद आवेदन की पुष्टि की जाती है। नए मान्यता नियमों में स्कूल भवन, लैब, खेल मैदान जैसी शर्तों को पूरा करना आवश्यक होगा, साथ ही सुरक्षा निधि की राशि 40 हजार रुपए, एफडीआर और वार्षिक शुल्क की राशि की भी आवश्यकता है।

निजी स्कूल संचालक इसलिए कर रहे विरोध


निजी स्कूल संचालक इन नियमों को अत्यधिक सख्त और अप्रत्याशित मान रहे हैं। उनका कहना है कि पहले सुरक्षा निधि की राशि 15 हजार रुपये थी, जिसे अचानक 40 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा, एफडीआर के लिए 12 राष्ट्रीयकृत बैंकों की आवश्यकता को लेकर भी आपत्ति जताई जा रही है, क्योंकि अधिकांश स्कूल पहले से ही सहकारी और प्राइवेट बैंकों में अपने अकाउंट चला रहे हैं। इसके अलावा, वार्षिक शुल्क के रूप में 4 हजार रुपए की वसूली भी स्कूलों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।

अधिकारी बोले- छात्रों के हित में नियम


इसके बावजूद, जिला शिक्षा केंद्र (डीपीसी) के अधिकारियों का कहना है कि यह सभी नियम छात्रों के हित में बनाए गए हैं। डीपीसी, छतरपुर के एएस पांडेय ने कहा, शासन ने यह नियम छात्रहित को ध्यान में रखते हुए बनाए हैं। स्कूलों को सभी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, तभी उन्हें मान्यता मिल सकेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है और इसका उद्देश्य स्कूलों की गुणवत्ता और छात्रों के भविष्य को सुनिश्चित करना है।

लेट फीस के साथ 14 फरवरी तक मौका


वर्तमान में 255 आवेदन बीआरसीसी कार्यालय में लंबित हैं, जिन्हें अगले 15 दिनों में डीपीसी कार्यालय में रिपोर्ट भेजी जाएगी। डीपीसी अधिकारियों का कहना है कि अब तिथि बढ़ाने की कोई संभावना नहीं है। 31 जनवरी तक बढ़ाई गई तिथि के बाद, अब 7 फरवरी तक आवेदन की समयसीमा समाप्त हो गई है और लेट फीस के साथ आवेदन 14 फरवरी तक स्वीकार किए जाएंगे। यदि किसी स्कूल ने निर्धारित समय सीमा तक आवेदन नहीं किया, तो उसकी मान्यता निरस्त कर दी जाएगी।