
मोबाइल देखते सेकंड लाइन में बैठे अधिकारी
छतरपुर. मंगलवार को होने वाली जिला स्तरीय जनसुनवाई में जिले भर के लोग समाधान की उम्मीद लेकर आते हैं। कुछ बड़े अफसर ही उनके आवेदन को सुनते हैं। जबकि सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहते हैं। लेकिन उन्हें लोगों की समस्याओं के निराकरण में रुचि नहीं है। ज्यादातर अधिकारी जनसुनवाई के दौरान मोबाइल पर वीडियो देखकर समय पास करते नजर आते हैं।
स्थान- जिला पंचायत सभागार
12 बजे
जिला पंचायत सभागार में आवेदन लेकर जिले भर के लोग पहुंचे हैं। जिले के वरिष्ठ अधिकारी उनके आवेदनों पर सुनवाई कर रहे हैं और संबंधित विभाग के जिला अधिकारी को आवेदन देकर निराकरण के निर्देश दे रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के पास आवेदकों की भीड़ होने से अधिकारियों की नजर पीछे की लाइन में बैठे अधिकारियों पर नहीं पड़ रही है। इसी का लाभ उठाते हुए महिला अधिकारी मोबाइल पर फैमिली धारावाहिक देखते नजर आईं। उन्होंने कान में ईयरफोन भी लगा रखा है, जिससे धारावाहिक न केवल देख रही है। बल्कि सुन भी रही है। ऐसे में उन्हें जनसुनवाई का न तो ख्याल है, न ही ध्यान है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वे मोबाइल पर धारावाहिक देख रहे हैं। तब उन्होंने कहा कि मोबाइल पर नोटिफिकेशन आया था, उसे देख रहे थे।
स्थान- जनसुनवाई कक्ष
जन सुनवाई कक्ष में सेकंड लाइन में भी यही हाल नजर आया। पीछे की लाइन में बैठे कई अधिकारी एक साथ मोबाइल का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। उन्हें जनसुनवाई से जैसे कोई लेना देना न ही। वहीं, दूसरी ओर सेकं ड और फस्र्ट लाइन में बैठे कुछ अधिकारी मोबाइल कॉल पर व्यस्त नजर आ रहे हैं। उनमें भी लोगों की समस्याओं के निराकरण की रुचि नजर नहीं आ रही है।
जिला स्तरीय जनसुनवाई में औसतन एक सैकड़ा आवेदन आते हैं। जो पुलिस, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ समेत अन्य विभागों से संबंधित होते हैं। आवेदनों पर वरिष्ठ अधिकारी मार्क लगाकर संबंधित जिला अधिकारी को सौंप देते हैं। लेकिन उसके बाद निराकरण कब हुआ और हुआ या नहीं, इसका फॉलोअप नहीं लिया जाता है। वीरेन्द्र सिंह, मोहन प्रजापित, अंशुल गोड़, सुरेश जैसे कई आवेदक है, जो जनसुनवाई में कई बार आवेदन दे चुके हैं। लेकिन समाधान सरकारी दफ्तर की फाइलों से बाहर निकलकर नहीं आया है।
Published on:
18 Sept 2024 10:47 am
बड़ी खबरें
View Allछतरपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
