छतरपुर. जिले के नौगांव स्थित बस स्टैंड में दुकानदारों द्वारा किए गए कब्जे से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर आने वालों लोगों न तो पानी मिल रहा है और न ही बैठने के लिए उचित स्थान मिल पा रहा है। साथ हर परिषर में चारों को दुकानों ने दुकानों को सजाकर बस चालकों और यात्रियों के लिए परेशानी खडी की जा रही है।
नौगांव नगर के बस स्टैंड में कई वर्षों से समस्या ही समस्याएं हैं, जिनपर प्रशासनिक कार्रवाई का असर भी नहीं हो रहा है और ऐसे में लोगों यात्रियों और बस चालाकों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर ऑटो चालकों की धमचौकड़ी के साथ दुकानदारों के अवैध कब्जे के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए न तो प्रतीक्षालय साफ और व्यवस्थित हैं, न पीने के पानी की व्यवस्था है। बस स्टैंड परिसर में कहीं भी रखी गुमटियों, बसों के आगे अड़ाकर खड़े किए फल व अन्य खाद्य-पेय सामग्री बिक्री के हाथ ठेले व ऑटो के कारण बसों व यात्रियों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। बस स्टैंड के प्रवेश द्वार पर दिन में कई बार जाम लग जाना आम बात हो गई है। ऐसे में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अतिक्रमण करने वाले अपने दुकान की हद और सीमाएं भूलकर परिसर में कब्जा किए हैं, जिससे बसों के लिए जगह कम पडऩे लगी है। परिसर में बेतहाशा अतिक्रमण होने के कारण यहां सुबह से लेकर रात तक जाम की स्थिती बनी रहती है।इसको लेकर कई बार आरटीओ की ओर से बस स्टैंड पर व्यवस्था के लिए बस मालिकों व ऑटो चालकों को हिदायत दी गई। नगर पालिका व पुलिस ने अतिक्रमण हटाने की नहीं की गर्ई। कुछ वर्ष पहले की गई कार्रवाई के दूसरे दिन से फिर यहां पर उन्हीं स्थानों में कब्जा कर लिया गया। जिससे बाद से कार्रवाई नहीं कइ गई है।
गर्मी में भी बस स्टैंड पर पीने के लिए नहीं मिलता पानी
शहर में वर्तमान में बस स्टैंड पर नगर पालिका ने पीने के पानी के लिए वाटर टैंक लगाया है। इस टैंक को भरने के लिए नगर पालिका की ओर से एक कर्मचारी भी नियुक्त है, लेकिन वह बीते वर्ष से खराब होने से लोग पानी के लिए परेशान हैं। प्यास लगने पर यात्री पीने के पानी के लिए इधर उधर भटकते हैं लेकिन उन्हें पानी नहीं मिलता।
स्टैंड पर आते ही बसों को घेर लेते हैं आटोबस स्टैंड में जैसे ही कोई बस पहुंचती है, तो तत्काल ऑटो चालक बस स्टैंड के मुख्य मार्ग पर वाहन को खड़ा कर देते हैं। इसके साथ ही बसों को चारों ओर से घेरकर ऑटो चालक सवारियों को जबरन खींचकर अपने आटो में बैठाने के चक्कर में यात्रियों का निकलना मुश्किल कर देते हैं। कई बार तो बस के चारों ओर आटो खड़े कर दिए जाने से यात्री बस से उतरने के लिए वाहन की खिड़की तक नहीं खोल पाते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों के साथ यह समस्या लगातार बनी रहने के बावजूद बस स्टैंड नंबर एक पर डयूटी करने वाले यातायात पुलिस के जवान कुछ नहीं करते हैं।