
unreadable copies of bill
छतपुर। जनपद पंचायत छतरपुर की पंचायतों में विभिन्न मदों से हो रहे निर्माण कार्यो में लगो जा रहे बिलों में जमकर धांधली हो रही है। बिना जीएसटी नबंर के बिल लगाए जा रहे हैं, हैरानी की बात ये है कि अधिकारी भी बिना जीएसटी नबंर वाले बिलों को पास कर भुगतान भी कर दे रहे हैं। अधिकांश पंचायते जीएसटी बिल के बजाए बाउचर जमा कर भुगतान करा ले रहे है। ऐसे में भुगतान पर मुहर लगाने वाले अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं, पंच परमेश्वर ऐप पर पंचायतों द्वारा निर्माण कार्य के डाले गए बिल की कॉपी या तो ब्लर करके डाली जा रही है, जो अपठनीय होती है या बिना जीएसटी नबंर वाले सधारण बिल ही जीएसटी बिल के नाम पर ऑनलाइन भी किए जा रहे हैं। मस्टर रोल भी ऐसे डाले जा रहे हैं, तो पढ़े न जा सके। पारदर्शिता के लिए सही बिल की कॉपी ऑनलाइन करने का प्रावधान है, लेकिन पारदर्शिता के सिस्टम को ही छतरपुर जनपद की पंचायते पलीता लगा रही हैं।
सीमेंट, लोहा खरीद में भी बिना जीएसटी के बिल
ग्राम पंचायतों में केन्द्र सरकार की योजनाओं, राज्य सरकार की योजनाओं, राज्य सरकार की समाज कल्याण की योजनाओं, राज्य वित्त आयोग की अनुंशसा पर, सांसद निधि, विधायक निधि, अन्य शासकीय विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं,जिला पंचायत से विभिन्न योजनाओं व जनपद पंचायत की विभिन्न योजनाओं के तहत निर्माण कार्य कराए जाते हैं। योजनाओं के तहत सीसी रोड, पक्की नाली, स्कूल भवन, छात्रावास, लाइब्रेरी, स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, शासकीय भवन, प्रशिक्षण केन्द्र, भवन व अन्य संरचनाओं के निर्माण कराए जाते हैं। इनके लिए खरीदे गए सीमेंट, लोहा व अन्य सामग्री के बिल लगाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर बिल जीएसटी के बिना ही लगाए और पास किए जा रहे हैं।
लगा रहे बिल की अपठनीय कॉपी
पंचायतों में कराए जा रहे निर्माण कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए पंच परमेश्वर ऐप पर पंचायतों को मिलने वाली राशि मद वार और खर्च होने पर बिल की कॉपी डाली जाती है। लेकिन छतरपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ज्यादातर पंचायतों में ऐप पर डाले गए बिल में जीएसटी नबंर नहीं है। ज्यादातर भुगतान बाउचर पर किए गए हैं। इसके साथ ही बिल की कॉपी ब्लर कर ऐप पर डाली गई है, ताकि बिल अपठनीय रहे। ऐसे में पारदर्शिता केवल दिखावा के लिए रह गई है।
इस तरह की गड़बडिय़ां
जनपद पंचायत छतरपुर की ज्यादतार पंचायतों में लगाए गए बिल सही नहीं है, इकारा पंचायत में 14वां वित्त के तहत सार्वजनिक चबूतरा बनाया गया है, इसके लिए 13200 और 28800 रुपए के दो बिल लगाए गए हैं, जो पढऩे में ही नहीं आ रहे हैं। इसी तरह सीसी रोड नाली निर्माण राम गोपाल के घर से सेवा राजपूत के घर तक बनाने के लिए एक लाख रुपए का बिल बिना जीएसटी लगा दिया गया है। हरिजन समाज भवन से आगे बनाई गई सीसी रोड में लगाए गए 100500 रुपए के बिल का भी यही हाल है। इसी तरह से ढड़़ारी पंचायत में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 32550 और 53400 रुपए का सरिया खरीदने का बिल लगाया गया है, जिसका बिल जीएसटी बिल न लगाकर साधारण बिल लगाया गया है। सीसी रोड व नाली निर्माण चन्नू विश्वकर्मा के घर से मंदिर की ओर के लिए 2 लाख 100 रुपए का भुगतान सीमेंट के लिए किया गया, जिसका बिल जीएसटी न होक र साधारण बिल लगाया गया है। यही हाल धौरी पंचायत का है, जहां शारदा नामदेव के खेत से माता मंदिर की ओर बनाई गई सीसी रोड व नाली के लिए लगाए गए बिल अपठनीय है। इसी तरह से विधायक निधि के तहत सार्वजनिक भवन के निर्माण के लिए ईट, लोहा खरीदी के लिए बिना जीएसटी का बिल लगाया गया है। जनभागीदारी से मुरमीकरण के लिए 60000 रुपए का भुगतान बाउचर बिल पर किया गया है।
जांच कराई जाएगी
कुछ आइटम में जीएसटी नहीं है, बाकी जिन आइटम में जीएसटी है, उनके लिए जीेसटी का बिल अनिवार्य है। मैं दिखवाता हूं, जहां भी बिल में गड़बड़ी की गई है, जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
सैयद मजहर अली, सीइओ, जनपद छतरपुर
Published on:
27 May 2019 06:00 am
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