छतरपुर. प्रदेश में चलाए जा रहे मुस्कान अभियान में छतरपुर को सातंवा स्थान मिला है। छतरपुर पुलिस तीन साल से हर साल 100 से ज्यादा नाबालिग बच्चियों को खोजकर उनके परिजनों तक पहुंचा रही है। पिछले तीन साल में पुलिस 458 बच्चियों को खोजकर लाई और उनके परिवार तक उन्हें पहुंचाया है। हालांकि अभी भी 133 बच्चियां लापता हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
ये है स्थिति
पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 205 बच्चियों को विभिन्न राज्यों से ढूंढ़ कर परिजनों के सुपुर्द किया गया। उक्त वर्ष में 193 व पूर्व पेंडिंग स्थिति में 115 बच्चियां लापता थीं। इसी तरह वर्ष 2022 में 160 बच्चियों को बरामद किया गया। उक्त वर्ष में 194 बच्चियां लापता थीं। वर्ष 2023 में 30 अप्रैल तक की स्थिति में 89 लापता हैं और 93 नाबालिगों को पुलिस ने तलाश कर परिजनों के सुपुर्द किया है।
अलग-अलग कारणों से परिवार से दूर हुई नाबालिग लड़कियां
ऑपरेशन अभियान के तहत लड़कियां के लापता होने में कई तरह के तथ्य सामने आए हैं। उन्हें प्रेम-प्रसंग में फंसाकर अगवा ही नहीं, बल्कि डरा-धमकाकर या प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण तक किया गया। इनमें 69 लड़कियां प्रेम प्रसंग में व 26 लड़कियां शादी के प्रलोभन में घर छोड़ कर भाग गई थीं। वहीं 170 लड़कियां ऐसी भी जो घर वालों से नाराज हो गई और अपनों को छोड़कर घर से लापता हो गईं। इसके अलावा 44 ने घूमने व अन्य कारण के चलते घर छोड़ा। यहीं नहीं 98 लड़कियां ऐसी भी जो मर्जी से रिश्तेदारी का कहकर घर से निकलीं और लौटकर नहीं आई।
पांच बार चलाया गया अभियान
लापता नाबालिग बच्चियों को तलाशने के लिए पुलिस साल में दो बार ऑपरेशन मुस्कान अभियान चलाती है। इसमें बच्चियों को बरामद कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है। पुलिस ने ढाई साल में पांच बार यह अभियान चलाया है। इसमें 458 बच्चियों को अलग-अलग राज्यों और शहरों से बरामद किया गया। सबसे ज्यादा बच्चियां, गाजियाबाद, लुधियाना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और उम्र से बरामद की गई हैं।