18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छतरपुर

पर्यावरण को बर्बाद कर रही पॉलीथिन, फिर भी धडल्ले से हो रही इस्तेमाल

हर वर्ष विश्व मंच पर जताई जाती है चिंता, फिर भी लगाम नहीं

Google source verification

छतरपुर. देशव्यापी प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन के धड़ल्ले से प्रयोग पर्यावरण प्रदूषण को तेजी से फैला रहा है। जिले में सब्जी, फल, किराना सामान, कपड़ा व अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ ही खाने के तैयार भोजन व नाश्ता, दूध व मिनरल वाटर तक पॉलीथिन में बेचे जा रहे हैं। पॉलीथिन के कचरे से फैल रही प्रदूषण से लोगों के साथ ही मवेशी भी बीमारी की जद में आ रहे हैं। मुख्यालय स्थित सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान सहित ग्रामीण हाट-बाजारों में खाने-पीने की वस्तु सहित सभी सामग्री अमानक पॉलीथिन में बेची जाती है। जबकि पॉलिथीन की बिक्री पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा है। फिर भी इस पर जिले में प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। इसके नुकसान को लेकर विश्व मंच पर भी हर वर्ष चिंता जताई जाती है और इसके लिए प्रयास भी किए जाते हैं। पर इसके बाद भी लगातार अमानक पॉलीथिन का धड़ल्ले से बिक्री, उपयोग किया जा रहा है। छतरपुर में रविवार के बाजार में भी दुकानों में बिना रोकटोक के पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा।

पॉलीथिन में होते हैं हानिकारक रसायनप्लास्टिक में हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं, जिनके कारण प्रकृति को कई प्रकार से नुकसान पहुंचता है। प्लास्टिक भूजल प्रदूषण का भी कारण बनता है यह जमीन के अंदर मौजूद पानी को भी प्रदूषित करता है और प्लास्टिक में मौजूद घातक रसायन पानी में मिल जाते हैं जोकि विभिन्न बीमारियों के जनक बनते हैं।

फल की दुकान

स्थान- साप्ताहिक बाजार मेला ग्राउंडसमय- शाम के ५ बजे

रविवार केे बाजार में लगी फल की दुकानों में ग्राहकों को हानिकारक रसायन वाली काले रंग की पॉलीथिन में फल दिए जा रहे थे। यहां पर पास में मौजूद नगर पालिका के कर्मचारी भी सब्जी फल खरीद रहे थे और वह भी अमानक पॉलीथिन में ही फल ले रहे थे। फल दुकानदार ने बातया कि यह पॉलीथिन काफी सस्ती होने से वह इसका उपयोग कर रहे हैं।

सब्जी की दुकान

स्थान- साप्ताहिक बाजार मेला ग्राउंडसमय- शाम के ५.१० बजे

बाजार में सब्जी की दुकानों में खुलेआम अमानक पॉलीथिन का उनयोग किया जा रहा था, यहां पर आने वाले ग्राहकों को इसी पॉलीथिन में सब्जी दी जा रही थी। वहां पर मौजूद सब्जी दुकानदार ने बताया कि अगर वह पॉलीथिन नहीं देते हैं तो ग्राहक अगली दुकान में चला जाता है। ऐसे में उन्हें पॉलीथिन रखनी पड़ती है, बताया कि सस्ती पॉलीथिन खरीददते हैं जिससे दुकानदारी में अच्छा मुनाफा मिल सके।

मशाले की दुकान

स्थान- साप्ताहिक बाजार मेला ग्राउंडसमय- शाम के ५.२० बजे

बाजार में लगी सभी मसाले की दुकानों में छोटी से लेकर ५ किलो तक की अमानक पॉलीथिन में ग्राहकों को सामान दिया जा रहा था। दुकानदार से अच्छी पॉलीथिन में सामान मांगने वाले वह पॉलीथिन वहीं होने की बात कही। जिसके बाद ग्राहकों को अमानक पॉलीथिन में ही मशाला लेना पड़ा। दुकानदार का कहना था कि मसालों की बिक्री के लिए उन्हें पॉलीथिन रखा मजबूरी है। वहीं मानकों के अनुरूप आने वाली पॉलीथिन के दाम अधिक होने से सस्ती पन्नी खरीद कर उसमें ग्राहकों को सामग्री देते हैं।