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मातृ शक्ति ने कहा- सबकी सुरक्षा का सवाल है, तो लेटलतीफी क्यो?

शहर में बाईपास न होने से भारी मालवाहकों की हो रही एंट्री, लग रहा जाम, हो रहे हादसेपरिजनों की सुरक्षा का उठा सवाल तो महिलाओं ने एक सुर में जताई लेटलतीफी पर नाराजगी

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ट्रैफिक जाम का दृश्य

ट्रैफिक जाम का दृश्य

छतरपुर. पिछले पंद्रह साल से शहर में बाईपास की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भारी मालवाहकों के शहर की सडक़ों से गुजरने से जाम की समस्या डेढ दशक पुरानी है। जिसके समाधान के लिए गाहे-बगाहे बाईपास की मांग उठती रही है। लेकिन पिछले पांच साल से जाम के साथ ही दुर्घटना में निर्दोष लोगों की मौत और गंभीर घायल होने की घटनाएं बढऩे से शहरवासियों ने बाईपास को प्राथमिकता से बनाए जाने के लिए प्रदर्शन,ज्ञापन और जनप्रतिनिधियों पर दवाब तक बनाया। जब परिवार की सुरक्षा की बात उठी तो शहर की मातृ शक्ति ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के ढुलमुल रवैया पर आक्रोश जताया है। शहर की महिलाओं का कहना है कि जब सबकी सुरक्षा का सवाल है, तो लापरवाही और लेटलतीफी क्यो?

सुरक्षा के मसले पर नहीं होना चाहिए लापरवाही
बाईपास न होने से शहर में बड़े वाहनों का प्रवेश हो रहा है, जिससे जाम लग रहा है, दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। इसके साथ ही भारी वाहनों से शहर में वायुप्रदूषण भी हो रहा है। इतनी सारी समस्याओं का समाधान केवल बाईपास का निर्माण है। बाईपास जितनी जल्दी बनेगा, शहरवासियों की जिंदगी, स्वास्थ्य और दिनचर्या में पड़ रहे नकारात्मक असर को उतनी जल्द खत्म किया जा सकेगा।
डॉ. श्वेता गर्ग, शहरवासी

ब्रम्हकुमारी आश्रम लगातार ये संदेश देता है कि शहर के अंदर यातायात सुरक्षित हो। लोगों को अकारण ही अपनी जान से हाथ न धोना पड़े या घायल होकर अपाहिज की जिंदगी जीने का कष्ठ किसी के जीवन में कभी न आए। इसके लिए हम सभी को यातायात नियमों का पालन करना जरु री है। इसके साथ ही जरूरी है शहर में बाईपास बनाया जाना, ताकि भारी वाहनों का प्रवेश शहर में रुके।
बीके शैलजा, शहरवासी

शहर में बाईपास जरूरी है। ताकि नेशनल हाइवे के बड़े वाहन शहर में प्रवेश ही न करें। बड़े वाहन शहर में नहीं आएंगे तो शहर के लोगों को न केवल जाम से राहत मिलेगी, बल्कि सडक़ दुर्घटनाएं रुकेंगी। अभी तो हालात इतने खराब है कि पूरा परिवार जब तक लौटकर घर नहीं आ जाता, तब तक अनजान सा डर लगा रहता है। सबकी सुरक्षा की चिंता रहती है।
मयंका तिवारी, शहरवासी

शहर के विस्तार के साथ ही बाईपास की आवश्यकता महसूस की जाने लगी थी। अभी तक तो बाईपास बन जाना चाहिए था, लेकिन नहीं बन सका। जिस वजह से शहर में बड़े वाहनों के आने से जाम, दुर्घटना होना आम बात हो गई है। जो लापरवाही और देर हो गई, उससे सबक लेकर अब इस काम में तत्परता दिखाना चाहिए। क्योंकि सवाल प्रत्येक शहरवासी की सुरक्षा का है।
सरिता अग्रवाल, शहरवासी

बाईपास का निर्माण वर्तमान शहर की बड़ी आवश्यकता है। बाईपास बन जाने से शहर के ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी। दुर्घटनाएं रुकेंगी, प्रदूषण कम होगा। सबसे प्रमुख बात ये है कि शहरवासी अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। सभी शहरवासी चाहते हैं, कि जल्द से जल्द रिंग रोड बने ताकि शहरवासियों की समस्या का समाधान हो सके।
कीर्ति विश्वकर्मा, शहरवासी

शहर में बाईपास बहुत जरूरी है। शहर के अंदर की सडक़े चौड़ी की गई, लेकिन बड़े वाहनों और शहर के वाहनों की संख्या इतनी है कि हर पल जाम की स्थिति बनी रहती है। जवाहर मार्ग पर तो हमेशा ही जाम लगा रहता है। लोग दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। ये समस्या किसी एक की नहीं है, पूरा शहर इस समस्या से परेशान है। समाधान तो केवल एक ही नजर आता है, बाईपास जल्द से जल्द बन जाए।
विमला सोमन, शहरवासी

शहर में किसी भी जगह से दूसरी जगह जाने में जो वास्तविक समय लगना चाहिए, उससे दो या तीन गुना समय लग रहा है। ट्रैफिक जाम से हर शहरवासी आजिज आ चुका है। आए दिन एक्सीडेंट भी हो रहे है। हर घर की महिलाएं परिजनों की सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है। बाईपास बन जाए तो शहरवासियों की सबसे बड़ी चिंता से राहत मिले। बाईपास बनना सबकी समस्या का समाधान है। जो जितनी जल्द हो, उतना अच्छा है।
बरखा मिश्रा, शहरवासी

मुझे तो ये समझ नहीं आता है कि शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की है। प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधी भी ट्रैफिक जाम की समस्या से रोजाना गुजरते हैं, फिर इस समस्या के समाधान के लिए बाईपास बनाने की दिशा में लेटलतीफी क्यों की जा रही है। जब समस्या हर नागरिक की है, तो शासन-प्रशासन को चाहिए कि प्राथमिकता के साथ बाईपास का निर्माण कराया जाए।
माधुरी तिवारी, शहरवासी