
डीपीसी ऑफिस छतरपुर
छतरपुर. नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी स्कूलों को मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित शर्तों को पूरा करना जरूरी है। इसके लिए 14 फरवरी तक निजी स्कूलों को लेट फीस के साथ आवेदन करने का अंतिम मौका दिया गया था, जिससे सत्र 2025-26 के लिए मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा सके। लेकिन तय तारीख तक जिले के 680 स्कूलों में से 423 के प्रकरण अब भी लंबित हैं। जिससे 91 हजार छात्रों को परेशानी होने की आशंका बन गई है।
इस वर्ष जिले में 680 निजी स्कूलों ने आवेदन किया था, जिनमें से 553 स्कूलों ने कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए मान्यता नवीनीकरण हेतु आवेदन किया था। हालांकि, इन स्कूलों में से केवल 43 स्कूल ही शासन के नियमों के अनुरूप मान्यता प्राप्त कर पाए हैं, जबकि 423 प्रकरण अब भी लंबित हैं। जिले में सरकारी स्कूलों में 2 लाख 21 हजार 849 छात्र-छात्राएं दर्ज हैं, जबकि निजी स्कूलों में केवल 91 हजार 263 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं।
जिले में सबसे खराब स्थिति छतरपुर विकासखंड की है, जहां पर मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया बहुत धीमी चल रही है। जिले से 180 स्कूलों के प्रकरण 15 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। इनमें से छतरपुर ब्लॉक में सबसे अधिक 71 स्कूलों के प्रकरण समय सीमा के भीतर हल नहीं हो पाए हैं। इन प्रकरणों को न तो आगे बढ़ाया जा रहा है और न ही उनकी मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
निजी स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन की जा रही है। आवेदन के बाद बीआरसी (ब्लॉक शिक्षा केंद्र) द्वारा स्कूल का भौतिक सत्यापन किया जाता है, और सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी बीआरसी कार्यालय में जमा करनी होती है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा विकसित आरटीई एमपी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से स्कूल संचालक अपने मोबाइल से जियो टैगिंग फोटो सहित आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन फीड कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों के लिए कुछ नई शर्तें लागू की हैं, जिनमें स्कूल भवन, प्रयोगशाला, खेल मैदान और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन की शर्तें शामिल हैं। इसके अलावा, एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) राशि और वार्षिक शुल्क की राशि और रजिस्टर्ड किरायानामा भी प्रमुख दस्तावेजों के रूप में माने जा रहे हैं। इन शर्तों को पूरा करना कई स्कूल संचालकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
मान्यता नवीनीकरण कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। लंबित प्रकरणों के समाधान के लिए छतरपुर जिले की स्थिति अन्य जिलों की तुलना में बेहतर बताई जा रही है। जल्द ही उन स्कूलों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं किया है और जिन्होंने आवेदन नहीं किया है। इन स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी।
एएस पांडेय, डीपीसी, छतरपुर
Updated on:
17 Feb 2025 11:02 am
Published on:
17 Feb 2025 11:01 am
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