छतरपुर. फूड प्रोडक्ट के नाम पर नकली सामग्री बनाने वाली ओएओ फैक्टरी के नमूनों की जांच रिपोर्ट विज्ञान प्रयोगशाला से एक साल बाद आ सकी है। जांच रिपोर्ट के अनुसार लिए गए सभी नमूने फेल पाए गए हैं। उक्त मामले में एक साल बाद चालान पेश न होने और कार्रवाई के चंद दिनों बाद फैक्टरी के शुरू होने पर नितिन ट्रेडर्स माधव नगर कटनी द्वारा सीएम हेल्पलाइन में की गई है। उनका कहना है कि उनके ही प्रोडक्ट का जाली माल तैयार हो रहा था, जो कार्रवाई के बाद नहीं रुका है।
यह नमूने जांच में निकल फेल
प्रशासन की टीम ने 5 खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे थे। इनमें छेटू मोटू स्नेक्स, ओगो चमत्कारी डिब्बा नमकीन, सतरंगी गुब्बारे स्नैक्स, अग्रवाल की मनकी मोहनी नमकीन की सैम्पलिंग की गई थी। खाद्य सुरक्षा विभाग में एक साल बाद इन सभी नमूनों की रिपोर्ट में सभी नमूने फेल पाए गए हैं।
11 मई 2022 को हुई थी छापेमार कार्रवाई
11 मई 2022 को तत्कालीन एसडीएम विनय द्विवेदी और खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित वर्मा द्वारा ओएओ फूड फैक्टरी में छापमार कार्रवाई की थी। जंाच टीम में पता चला कि कारोबारी राजेन्द्र अग्रवाल पिता राजा भैया अग्रवाल निवासी गल्ला मंडी सरानी दरवाजे के पास द्वारा मेड इन इंडिया रैपर का इस्तेमाल कर अमानक खाद्य सामग्री तैयार की गई है। फैक्टरी में छोटू-मोटू, राजशाही खाना खजाना, स्कूल टाइम, मैं कांता बाई, सतरंगी गुब्बारे, मोदी का खजाना, एसजी पोला रिया, गप्पी चाट आदि के रैपर पए गए थे, जहां बड़ी मात्रा में जाली माल तैयार होना पाया गया। इतना ही नहीं जांच में खाद्य सामग्र की मैन्युफैक्चरिंग के दस्तावेज कारोबारी के पास नहीं पाए गए थे। संयुक्त टीम ने उक्त मामले में कारोबारी के खिलाफ 11 मई की शाम को हो धोखाधड़ी और फूड सेफ्टी अधिनियम के तहत सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया था।
शिकायत के बाद भी नहीं रुका कारोबार
नितिन ट्रेडर्स द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई गई हैं कि उनके प्रोडक्ट छोटू-मोटू सहित अन्य कई कंपनियों का फैक्टरी में जाली माल मिला था, लेकिन इसके बाद भी फैक्टरी का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि उनके प्रोडक्ट की जाली सामग्री की शिकायत कोतवाली में लिखित रूप में दर्ज कराई गई है कि फैक्टरी को बंद कराया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर न्याय की मांग की गई है ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके और स्वाथ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर रोक लग सके।
इनका कहना है
अभी कुछ ही समय पूर्व सैम्पलों की प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आई है, जिनमें सभी सैम्पल फेल पाए गए। अब शीघ्र ही चालान पेश कराया जाएगा।
वेदप्रकाश चौबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी