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देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहे विश्राम ग्रह

मौके पर नही पहुँचे इंजीनियर एवं एसडीओ

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 गढ़ीमलहरा विश्राम ग्रह

गढ़ीमलहरा विश्राम ग्रह

छतरपुर/महाराजपुर. जिले की सीमा में स्थित कैमाहा और गढ़ीमलहरा में बने विश्राम ग्रह देखरेख के अभाव में जीर्णर्शीण होते जा रहे हैं। इसको लेकर कई वर्षों से पुताई व मेंटीनेंस नहीं कराया गया है। हालात हैं कि अगर यहां पर जल्द की कायाकल्प नहीं कराया गया तो दोनों स्थानों के

लोक निर्माण विभाग नौगांव अंतर्गत इमलिया कैमाहा और गढ़ीमलहरा विश्राम ग्रह संचालित हैं। जहां पर किसी समय अधिकारी, नेता मंत्री आदि रुकते थे। लेकिन अब यह देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं। हालात हैं कि वर्षो से ना इनकी मरम्मत हुई है और ना ही पुताई कराई गई। इनमें लगे गेट और खिड़कियां टूटने लगी है व इनमें रखा सामान पलंग, कूलर खराब होने लगे हैं। विश्राम ग्रह में पदस्थ कर्मचारियों ने बताया कि यहां पदस्थ इंजीनियर और एसडीओ यहां आते ही नहीं हैं, यदि कोई अतिथि इन विश्राम ग्रहों में पहुंच जाए तो ना उसे आराम के लिए सुविधा मिलेगी और ना ही खाने पीने की व्यवस्था मिलेगी। उसे यहां से मायूस ही होकर घर लौटना पड़ेगा। गढ़ीमलहरा विश्राम गृह में तो स्वीपर के साथ कार्य के लिए मजदूर भी नहीं है। किचिन में केयर टेकर जमील खान कब्जा किए हुए हैं, जबकि इनका रिटायरमेंट अप्रेल 2020 में हो गया था।

बगीचों में नहीं है हरियाली

दोनों विश्राम ग्रहों में पदस्थ माली पद पर कार्यरत माली का कार्य करने वाले अपने-अपने घरों में आराम फरमा कर कार्य कर रहे हैं। इनका कभी कभार ही विश्राम ग्रहों में जाना होता है और यदि यह जाते भी हैं तो थोड़ी देर ठहरने के बाद घर की रवानगी लेते हैं। दोनों विश्राम ग्रहों के बगीचों में ना फुलवारी हैं और ना ही पौधे हैं बगीचे उजड़े पड़े हैं। यहां पदस्थ कर्मचारियों ने बताया कि यहां पदस्थ अधिकांश कर्मचारी अधिकारियों की सेवा करने में लगाए गए हैं।

नहीं है बिजली कनेक्शन

इमलिया कैमाहा विश्राम ग्रह में विधुत कनेक्शन ही नहीं है और जो शौर्य ऊर्जा की लाइट यहां लगी है वह वर्षो से खराब पड़ी है, उसका सुधार कार्य ही नही कराया जाता है यहां पदस्थ कर्मचारियों को रात के ही अंधेरे में ही रहना पड़ रहा है। कोई अधिकारी उनकी समस्या को हल नहीं करा पा रहा है।

बिना वेतन के वर्षो से कार्य कर रहा सफाई कर्मी

इमलिया विश्राम ग्रह में पदस्थ सफाई कर्मी श्रीपत राही ने बताया कि उसके पिता की वर्ष 2010 में मृत्यु हो गई थी, तब से अधिकारियों के कहने पर वह पिता की जगह सफाई कार्य कर रहा है। लेकिन अधिकारियों द्वारा उससे कार्य तो कराया जा रहा है। लेकिन वेतन उसे अभी तक नहीं दी गई, जिसकी शिकायतें ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय के स्तर के अधिकारियों के पास की गई।