
सरसेड़ की पत्थर खदान
छतरपुर. पत्थर खदान में अनियंत्रित ब्लास्ट के बाद खजुराहो रेलवे लाइन के पास क्रशर संचालन की पोल खुलन पर प्रशासन रेलवे लाइनों को आसपास संचालित क्रशरों की जांच कर रहा है। बीते दिनों खनिज, राजस्व, रेलवे के संयुक्त निरीक्षण के बाद खनिज विभाग ने अनियमितता पाए जाने पर सरसेड़ के तीन क्रशर संचालकों को नोटिस जारी कर एक माह में जवाब मांगा है। पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के अलावा भी कई नियम शर्तो का क्रशर संचालक पालन नहीं कर रहे हैं।
ये पाई गई गड़बडिय़ां
संयुक्त टीम के पंचनामा में पाया गया कि राठ निवासी सुधा सोनी के नाम सरसेड़ गांव में 2 हेक्टेयर की लीज अगस्त 2023 तक स्वीकृत है। रेलवे लाइन से 200 मीटर दूर स्थित खदान में साइन बोर्ड, मुनारे, सीमा चिन्ह, तार फेसिंग, बाउंड्रीवाल और पेड़ पौधे नहीं पाए गए। इसी तरह राठ निवासी जगदीश सोनी के नाम भी 2 हेक्टेयर की लीज जून 2023 तक स्वीकृत है। लेकिन इस खदान में अनुमोदित खनन योजना के अनुसार खनन कार्य नहीं पाया गया। इसके अलावा साइन बोर्ड, सीमा चिन्ह, बाउंड्रीवाल भी नहीं है।
वहीं, तीसरी खदान छतरपुर के अशोक अग्रवाल के नाम 3.81 हेक्टेयर की वर्ष 2031 तक स्वीकृत है। लेकिन इस खदान में भी स्वीकृत खनन योजना के तहत कार्य नहीं पाया गया। वहीं साइन बोर्ड, तार फेसिंग, बाउंड्रीवॉल भी नहीं है।
12 मीटर गहरी खदाने
संयुक्त टीम के पंचनामा के मुताबिक निरीक्षण के दौरान सभी खदानों पर उत्खनन व क्रशर पर गिट्टी का निर्माण बंद था। ज्यादातर खदानों में पानी भरा हुआ है। टीम ने खनन की गहराई का माप लिया तो औसतन 12 मीटर तक गहराई पाई गई। हालांकि स्थानीय लोगों को कहना है कि खदान 90 फीट तक गहरी है, जो पानी भरा होने से सही से नापी नहीं जा सकी। इतनी गहराई तक खनन योजना के मुताबिक उत्खनन नहीं होता है। लेकिन क्रशर संचालक मनमाने ढंग से खनन कर रहे हैं।
इनका कहना है
संयुक्त टीम के निरीक्षण में अनियमितता पाई गई है। सभी क्रशर संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जवाब आने पर नियमानुसर कार्रवाई की जाएगी।
अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी
Published on:
09 Nov 2022 05:51 pm
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