
chhatarpur
छतरपुर। जिले में रेरा में बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही कारोबारियों द्वारा कॉलोनियों का निमार्ण किया जा रहा है और अधिकारियों की मिली भगत के चलते रजिस्ट्री भी कराई जा रही है। जिसपर न तो राजस्व विभाग द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही संबंधित विभाग द्वारा कार्रवाई करने की जरूरत समझी जा रही। जिससे हालात हैं कि जिले में ५०० से अधिक कॉलोनी हैं जिसमें से मात्र २० का ही रेरा में रजिस्ट्रेशन है। बाकी अन्य बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही प्लॉट और मकानों की बिक्री की जा रही है। छतरपुर जिले में वर्तमान में कुल २० कॉलोनी व प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत हैं। इनमें 1७ कॉलोनी वा प्रोजेक्ट छतरपुर शहर में और 3 कॉलोनी वा प्रोजेक्ट नौगांव में स्थित हैं। गौरतलब है कि एक मई 2016 से मध्य प्रदेश में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी रेरा एक्ट प्रभावी किया गया था। इसके अनुसार सभी प्रचलित और नई आवासीय कॉलोनी व प्रोजेक्ट का रेरा में पंजीयन कराना बिल्डर्स को अनिवार्य किया गया था। रेरा में पंजीयन नहीं करने वाले कॉलोनी व प्रोजेक्ट अवैध प्रोजेक्ट की श्रेणी में रखे गए हैं। लेकिन जिले में रेरा को धता मानकर भू व्यापारियों द्वारा लगातार बिना रेरा में पंजियन के बाद भी प्लॉट और मकानों की बिक्री कर रहे हैं। यहां पर न तो सीसी सड़क हैं, न बिजली, नाली, पानी है और न ही कोई और सुविधाऐं। लेकिन लोग व्यापारियों की बातों में आकर प्लॉट और मकाल खरीद लेते हैं और फिर कुछ दिन बात जब सुविधाऐं नहीं मिलतीं हैं तो फिर परेशासन होती है। लेकिन इसकी जानकारी होने के बाद भी रजिस्टार कार्यालय में आसानी से जमीनों और मकानों की रजिस्ट्री कराई जा रही है। जिसपर न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही विभाग द्वारा अभी तक इसमें जांच कराई गई। वहीं रेरा लागू होने के बाद अभी तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे कॉलोनाईजर्स के हौशलें मजबूत हो रहे हैं और लगातार रोरा को धता बता रहे हैं।
यह है नियम
रेरा एक्ट के अंतर्गत आवंटियों के साथ जो भी अनुबंध ठेकेदार, बिल्डस, प्रमोटर्स करेंगे, उसका पालन उन्हें करना होगा। साथ ही अपने निर्माण कार्य की 5 वर्ष की गारंटी भी लेना होगी और उन्हें समय पर आवंटितों को डिलीवरी देनी होगी। विज्ञापन और ब्रोशर में जो भी दावे किये जायेंगेए उनकी पूर्ति बिल्डर्स को करनी होगी। प्रावधान का पालन नहीं करने पर आवंटी उनसे ब्याज सहित भुगतान तथा मुआवजा प्राप्त कर सकेंगे। कोई भी आवंटी घर बैठे रेरा प्राधिकरण की बेवसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। प्लाट या मकान खरीदने वालों को यह सावधानी बरतना जरूरी है कि वह बिल्डर का रेरा नम्बर जरूर देखें। बगैर रेरा नम्बर वाले प्रोजेक्ट कॉलोनी अवैध होने से उनमें आवंटी ग्राहक के अधिकार सुरक्षित नहीं होते। यदि जिले में प्रचलित कोई आवासीय कॉलोनी प्रोजेक्ट, जिसमें अभी विकास कार्य पूरे नहीं हुए हों, उनकी जानकारी रेरा प्राधिकरण को भोपाल भेजी जा सकती है।
मकानों को प्लॉट दर्शाकर कराई जा रही रजिस्ट्री
जिले में रेरा लागू होने के बाद अधिकांश कॉलोनाईजर्स द्वारा कॉलोलियां बनाकर तैयार की जाती है फिर तैयार मकानों की रजिस्ट्री प्लॉट दिखाकर कराई जाती है। जिससे राजस्व को भारी छति हो रही है तो वहीं ग्राहक भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। यह फर्जीवाडा शहर के ५० फीसदी व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है।
ये सुविधाऐं है जरूरी
रेरा लागू होने के बाद जिले में जो भी कॉलोनी या प्रोजेक्ट है उनमें बिक्री करने से पहले की सीसी रोड, बिजली, पानी, नाली, पार्क आदि का निर्माण कराना आवश्यक हैं जिसके बाद ही वहां पर प्लॉट या मकान बनाकर बेचने की इजाजत होती है। यह सुविधाऐं बिना दिए ही अगर कोई बिल्डर्र, व्यापारी प्लॉट या मकान की बिक्री करता है तो उसपर कार्रवाई की जा सकती है।
कर सकते हैं शिकायत
आम लोग ऐसे चल रहे आवासीय कॉलोनी वा प्रोजेक्ट जिसमें अभी विकास कार्य पूरे नहीं हुए हैं या फिर रेरा में पंजीकृत नहीं हैं। उनकी जानकारी भोपाल में बोर्ड ऑफिस कैम्पस में स्थित रेरा भवन कार्यालय में दे सकते हैं। रेरा प्राधिकरण के चेयरमैन और उनके सहयोगितयों के द्वारा पक्षकारों को आसानी से न्याय दिलाने के लिए भोपाल में सुनवाई की जाती है।
२० का है रेरा में रजिस्ट्रेशन
जिले में रेरा लागू होने के बाद भी अभी तक मात्र २० कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन हैं और जिले में दो सौ से अधिक कॉलोनी में निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनमें से १७ कॉलोनी व प्रोजेक्ट छतरपुर शहर के है और ३ कॉलोनी या प्रोजेक्टी नौगांव में हैं। लेकिन इसके अलावा बडी संख्या में भू व्यापारियों द्वारा लोगों को बरगला कर प्लॉट और मकानों की बिक्री की जा रही है।
इनका कहना है
मैंने अभी कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया है, इसके बारे के मुझे अधिक जानकारी अभी नहीं है। में अपने अधिकारियों से इस बारे में चर्चा करती हूं और जो भी कॉलोनियां, प्लॉटिंग आदि बिना रेरा के पंजियन के बिक रही हैं उनपर कार्रवाई की जाएगी।
प्रियांशी भंवर, एसडीएम, छतरपुर
Published on:
16 Feb 2020 07:42 pm
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