यह है मामला
ग्राम पंचायत झमटुली के सरपंच प्रतिनिधि राजू पटेल ने बताया कि पंचायत में झमटुली से पुतरयान गांव तक करीब ढाई किलोमीटर लंबी डामर सडक़ का निर्माण 1 करोड़ 81 लाख 25 हजार रुपए से किया जाना था। विभाग की लापरवाही से पहले यह निर्माण कार्य 8 माह की देरी से शुरु हुआ। इसके बाद मेसर्स संस्कार इन्फ्रास्ट्रक्चर छतरपुर ने इस कार्य को पूरा किया लेकिन निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने के कारण सडक़ अभी से उखडऩे लगी है। पटेल ने बताया कि निर्माण कार्य इतना घटिया किया गया है कि नवनिर्मित सडक़ हाथों से उखड़ रही है। सरपंच प्रतिनिधि सहित अन्य ग्रामीणों ने सडक़ का गुणवत्तायुक्त सामग्री से दोबारा निर्माण कराने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों और क्षेत्रीय विधायक की शिकायत के बाद बीते रोज पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम ने सडक़ का निरीक्षण किया।
कार्यपालन यंत्री बोले- जांच में मानक के अनुसार पाया गया निर्माण
इस संबंध में जब लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री आरएस शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि- विभागीय टीम ने नवनिर्मित सडक़ की जांच की है। सिर्फ एक स्थान पर सडक़ मामूली रूप से क्षतिग्रस्त पाई गई। टीम ने तीन स्थानों से सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि तीनों स्थानों पर सडक़ की मोटाई और निर्माण सामग्री मानक के अनुसार पाई गई है। शुक्ला ने यह भी कहा कि सडक़ निर्माण के दौरान ठेकेदार के कर्मचारियों ने ग्रामीणों से अभद्रता कर दी थी जिससे नाराज ग्रामीणों द्वारा घटिया निर्माण के आरोप लगाए जा रहे हैं।