
डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट को सिया की मंजूरी के बिना टेंडर पर याचिका की सुनवाई हुई
छतरपुर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) भोपाल ने जिले की रेत खदानों के लिए डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट की मंजूरी के बाद ही रेत खनन शुरु करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति एसएचओ कुमार सिंह, न्यायिक सदस्य डॉ. अरुण कुमार वर्मा ने नीलामी के पहले राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया)से डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट स्वीकृत (डीएसआर) न होने के आधार पर रोक लगाने की मातगुंवा निवासी मंगल सिंह बुंदेला की याचिका पर सुनवाई करते हुए खनिज विभाग को निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के पूर्व के आदेशों के मुताबिक पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद ही खनन किया जाए।
विभान ने क हा डीएसआर की चल रही प्रक्रिया
गौतलब है कि कोर्ट में खनिज विभाग ने बताया कि डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट का प्रस्ताव 7 अक्टूबर 2021 को भेजा गया है। अपर सचिव, मध्य प्रदेश सरकार की अध्यक्षता में संयुक्त समिति द्वारा डीएसआर को एमपीस्टेट इंवायरनमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट ( एमपीएसईआईएए) को भेजा गया था, जो अभी एमपीएसईआईएए के विचाराधीन है। विभाग ने ये भी कहा कि 7 जनवरी 2021 को रेत खदान का ठेका निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद डीएसआर की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
इन खामियों को करना होगा दूर
एनजीटी में लगाई गई याचिका में वैध डीएसआर के अलावा सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के पुराने आदेश के मुताबिक जिले की रेत खदानों में कई कमियां बताई है। जिस पर कोर्ट ने सभी नियम कानून का पालन कराने के आदेश दिए हैं। नदी के किनारे उत्खनन की सीमा यानि 100 मीटर के अंदर नदी के किनारे पर पिलर गाड़कर सीमा तय की जाएगी। नदी में एक रेत खदान से दूसरी रेत खदान के बीच 2.50 किलोमीटर की दूरी के नियम का पालन करना होगा और रेत ले जाने का रुट, स्थानीय लोगों के सामने डीएसआर पेश कर दावे आपत्ति की प्रक्रिया भा करना होगी।
Updated on:
12 Mar 2022 02:51 pm
Published on:
12 Mar 2022 02:45 pm
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