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जिले का गौरव बढ़ाने वाले स्कूल को नहीं मिल पा रहा खुद का भवन

1942 राजा ने कराई थी स्कूल की स्थापना, अब खुद के भवन से किया बेदखल

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School can not find its own building

School can not find its own building


छतरपुर। जिले के इकलौते शासकीय माध्यमिक इंग्लिश मीडियम स्कूल के पास खुद का अलीशान भवन होने के बाद भी हाईटेंशन बिजली लाइन के नीचे बने कुछ अतिरिक्त कक्षों में मजबूरन संचालित किया जा रहा है। शामकीय माध्यमिक इंग्लिश मीडियम स्कूल द्वारा कोर्ट से आदेश होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा स्कूल को अपने ही भवन से बेदखल कर दिया गया। हालाकि शासन द्वारा स्कूल के लिए खेल मैदान में एक भवन का निर्माण कराया गया था। लेकिन वह भवन हैंडओवर होने से पहले ही धरासाई हो गए। जिससे अभी भी स्कूल की कक्षाएं ११ हजार केवी तारों की नीचे बने कमरों में लगाई जा रही हैं। शहर के बीचों बीच स्थित उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक- एक के खेल मैदान में बने अतिरिक्त कक्ष में संचालित किया जा रहा शासकीय माध्यमिक शाला आज भी अपने भवन के पाने का इंतजार कर रहा है।
३०० के स्थान पर ३३० है बच्चों की संख्या :
माध्यमिक शाला शासन द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए सौ-सौ सीटें स्वीकृत की गई हैं लेकिन इस स्कूल में एडमिशन कराने के लिए अधिकांश अभिभावक ऐड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। फिलहाल इस स्कूल में कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 330 से अधिक है। जिन्हें बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल रहा है। वहींस्कूल के हेड मास्टर विमल द्विवेदी ने बताया कि स्कूल में 7 सेक्शन हैं जो उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक-1 के खेल मैदान में स्थित है छह छोटे छोटे अतिरिक्त कक्षों में चलाए जा रहे हैं।
स्मार्ट क्लास का भी किया जाता है संचालन :
जिले के एकमात्र शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में करीब करीब सभी सुविधाएं शासन द्वारा दी गई हैं। कमी है तो सिर्फ एक भवन की। भवन ना होने से उन्हें शासन दी जा रही सुविधाओं का संचालन सुचारू नहीं हो पा रहा है। यहां के शिक्षकों ने बताया कि स्कूल में बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिए भी पढ़ाई कराई ता रही है। लेकिन फिलहाल चुनाव नजदीक आने से कलेक्टर के आदेश पर स्मार्ट क्लास वाले कक्ष से स्मार्ट क्लास हटाकर चुनाव कक्ष बना दिया गया है जिससे फिलहाल बच्चों को स्मार्ट क्लास में पढ़ाई नहीं कराई जा रही है।
4 साल पहले बनाई गई थी नई बिल्डिंग, हैंडओवर से पहले ही धराशाई :
माध्यमिक विद्यालय को उसके खुद के भवन से बेदखल करने के बाद प्रशासन द्वारा खेल मैदान पर एक नए भवन के निर्माण की मंजूरी दी गई थी। इस भवन को बनाने की जिम्मेदारी शासन द्वारा लघु उद्योग निगम को दी गई थी। लेकिन लघु उद्योग निगम की लचर कार्यप्रणाली और ठेकेदार की मिलीभगत से भवन गुणवत्ताविहीन बनाया गया और भवन के हैंडओवर होने से पहले ही धराशाई हो गया। भवन में कई जगह दरारें आ चुकीं हैं और दीवारें चटक गई। भवन की नीचे वाली बीम में बड़ी-बड़ी दरारें आने से बारिश के दौरान धसने लगा था। जिसके बाद अभी तक ना तो कोई भवन का निर्माण कराया गया और ना ही माध्यमिक विभाग को उसके खुद के भवन में शिफ्ट किया गया है।
हाईकोर्ट से केस जीतने के बाद भी नहीं मिल रहा खुद का भवन :
वर्ष 2002 में एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक-१ पास होने के बाद आयुक्त के आदेश पर माध्यमिक ***** को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किए जाना था। जिस पर माध्यमिक विभाग को उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 2 के कुछ कमरों में अस्थाई रूप से शिफ्ट कर दिया गया था। जिसके बाद माध्यमिक शाला पालक समूह द्वारा इस मामले को हाईकोर्ट ले जाया गया और अगस्त 2003 में हाई कोर्ट ने फिर से उसकी खुद की बिल्डिंग में शिफ्ट होने का आदेश दिया। जिस पर उसे उसकी खुद की बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 2016 में एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक-1 के प्राचार्य अशोक खरे की पहल पर सीईओ जिला पंचायत द्वारा आदेश की अवहेलना करते हुए वहां से माध्यमिक विभाग को खेल मैदान परिसर में बने अतिरिक्त कक्षों में शिफ्ट करा दिया गया।
1942 में हुई थी स्कूल की स्थापना :
छतरपुर के राजा द्वारा वर्ष 1942 में इस स्कूल की स्थापना कराई गई थी इसके लिए (वर्तमान में नंबर वन स्कूल) की बिल्डिंग भी बनाई गई। जहां पर स्कूल का संचालन किया जा रहा था।
हाईटेंशन लाइन के नीचे पढऩे को मजबूर छात्र-छात्राएं :
एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक एक के खेल मैदान पर बने कुछ अतिरिक्त कक्षों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। स्कूल के कक्षों के ऊपर से 11 हजार केवी की विद्युत लाइन गुजरी है यह लाइन कक्षों से की छत से मात्र कुछ ही ऊंचाई से गुजरी है यहां के छात्रों ने बताया कि इंटरबल होने पर कई बच्चे छत पर चढ़ जाते हैं, ऐसे में कभी भी छात्र विद्युत लाइन की चपेट में आ सकते हैं। बच्चों ने बताया कि इसके लिए वह अपने शिक्षकों से और उनके अभिभावक प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं। हाईटेंशन की लाइन में चपेट में आकर एक मजदूर भी झुलस चुका है। मौजूदा मध्यमिक शाला भवन के ठीक किनारे नगर पालिका द्वारा दो अतिरिक्त कक्षोंं का निर्माण कराया जा रहा था। निर्माण के दौरान हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक मजदूर बुरी तरह से झुलस गया था। जिसका इलाज झांसी, ग्वालियर में कराया गया था।
प्रदेश में किया स्कूल का नाम रोशन :
छतरपुर के एक मात्र शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल ने प्रदेश में अपने जिले और स्कूल का नाम रोशन किया है। प्रदेश में प्रतिवर्ष आयोजित मैथमेटिक्स ओलंपियाड में वर्ष 16-17 में प्रदेश के बीच 20 बच्चों में से 12 छात्र इस स्कूल के शामिल हुए जिन्हें सम्मानित किया गया। वहीं वर्ष 17-18 में आयोजित मैथमेटिक्स ओलंपियाड में प्रदेश में चयन हुए 20 छात्र- छात्राओं में से 14 छात्र-छात्राएं इस स्कूल के चयनित हुए थे। लेकिन प्रदेश में जिले का गौरव बढ़ाने वाले इस स्कूल को अभी भी ना तो खुद का भवन मिल पा रहा है और ना ही नया भवन मिलने की उम्मीद नजर आ रही है

स्कूल को व्यवस्थित किया जाएगा :
अभी मैं छतरपुर में नया हूं इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं हैं। हालांकि माध्यमिक शाला जिला की एक मात्र शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल है। मैं इसकी पूरी जानकारी करता हूं और स्कूल को पूर्ण व्यवस्थित कराने और स्कूल को नया भवन दिलाने के लिए पूरी कोशिश करता हूं। जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें न हों।
- एसके शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर

कलेक्टर बोले-डीईओ से बात करता हूं :
हाईटेंशन लाइन के नीचे और आस पास बच्चों की कक्षाऐं नहीं लगाई जाती हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो मैं इसकी जानकारी करता हूं। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी से बात कर समस्या का हल निकाला जाएगा। अभी में चुनाव को लेकर दौरे पर हूं।
- रमेश भंडारी, कलेक्टर छतरपुर

इनका कहना है
इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैं इसको लेकर ईई से चर्चा करता हूं और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कराया जाएगा।
- संजय निगम अधीक्षण यंत्री