
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस साल की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन से संबंधित ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में रेमेडियल और एक्सट्रा क्लासेस चल रही हैं, ताकि छात्रों के कमजोर विषयों में सुधार किया जा सके। 10 अक्टूबर तक सामान्य शुल्क के साथ नामांकन किए गए। पहले यह प्रक्रिया सितंबर के अंत तक पूरी होनी थी, लेकिन कई विद्यालयों से तकनीकी कारणों और विलंब की रिपोर्ट मिलने पर तिथि बढ़ा दी गई है।
बोर्ड परीक्षाओं की गुणवत्ता बढ़ाने और मूल्यांकन में एकरूपता बनाए रखने के लिए भोपाल में शिक्षकों की विशेष ट्रेनिंग चल रही है। इस ट्रेनिंग में शिक्षकों को प्रश्नपत्र निर्माण, मूल्यांकन प्रक्रिया और उत्तर पुस्तिका जांच के मापदंडों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ये शिक्षक अपने-अपने जिलों में लौटकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रक्रिया से पूरे प्रदेश में एक समान तैयारी और मूल्यांकन व्यवस्था तैयार होगी, जिससे बोर्ड के परिणामों में सुधार आएगा।
छतरपुर सहित प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा के परिणाम आने के बाद छात्रों की कमियों की पहचान की गई है। इसके आधार पर अब रेमेडियल क्लासेस लगाई जा रही हैं, जिनमें विषय-विशेष शिक्षक छात्रों को कमजोर टॉपिक्स दोबारा समझा रहे हैं। स्कूलों में एक्सट्रा पीरियड और विशेष अध्ययन सत्र भी शुरू कर दिए गए हैं, ताकि बोर्ड परीक्षा से पहले हर छात्र आत्मविश्वास से परीक्षा में बैठ सके। एक वरिष्ठ शिक्षक के अनुसार, त्रैमासिक परीक्षा ने स्पष्ट कर दिया है कि किन छात्रों को किन विषयों में अतिरिक्त मेहनत की जरूरत है। अब उसी के अनुसार लक्ष्य आधारित पढ़ाई करवाई जा रही है।
एमपी बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के मॉडल पेपर जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। इन मॉडल पेपरों को स्कूलों में हल कराया जाएगा, ताकि छात्रों को परीक्षा पैटर्न, प्रश्न संरचना और मार्किंग स्कीम की जानकारी मिल सके।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों को बताएं कि शब्द सीमा और अंक वितरण का ध्यान रखते हुए कैसे उत्तर लिखें ताकि उन्हें अधिकतम अंक मिल सकें।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अनुसार फरवरी 2026 से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी। इस बार अर्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्नपत्र भी बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर ही तैयार किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही वास्तविक परीक्षा का अनुभव मिले।
शिक्षा विभाग का उद्देश्य केवल परीक्षा आयोजित करना नहीं बल्कि छात्रों के परिणामों में सुधार लाना है। इसके लिए प्रदेशभर में रीड, रिवाइज एंड परफॉर्म मॉडल लागू किया जा रहा है। शिक्षकों को विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने और मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। अंतत: बोर्ड परीक्षा की तैयारियाँ अब केवल छात्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि शिक्षक, विद्यालय और शिक्षा विभाग तीनों स्तरों पर सामूहिक रूप से प्रयास जारी हैं।
Published on:
11 Oct 2025 10:48 am
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