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बीज निगम ने तय नहीं किए सरकारी बीज के दाम, प्राइवेट डीलर मनमाने दामों पर बेच रहे सीड

दाम तय नहीं होने से सरकारी गोदाम में डंप है बीज, प्राइवेट बीज की गुणवत्ता को लेकर आंशका

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बीज व कीटनाशक की दुकान

बीज व कीटनाशक की दुकान

छतरपुर. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के सीड की बिक्री के लिए सरकारी दर का निर्धारण नहीं किए जाने से जिले के किसान प्राइवेट डीलरों के हाथ लूटने के लिए मजबूर हैं। जबकि शहर के गल्ला मंडी परिसर में निगम के गोदाम में 519 क्विंटल बीज का स्टॉक रखा है, लेकिन किसानों के काम नहीं आ रहा है। किसान सरकारी सीड के लिए बीज एवं फार्म निगम के कार्यालय का चक्कर लगाने
के लिए मजबूर है।

रेट तय में देरी का मिल रहा प्राइवेट डीलरों को फायदा
राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के द्वारा सीड का दर समय पर तय नहीं किए जाने का प्राइवेट डीलरों को सीधे फायदा मिल रहा है। सरकारी बीज की दर तय करने की फाइल भोपाल स्तर पर दबी होने के कारण प्राइवेट डीलर किसानों को मनमाफिक दर पर सीड की बिक्री कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि कुछ प्राइवेट डीलर बीज के नाम पर किसानों को अनाज की बिक्री कर रहे है। इसके चलते किसानों की फसल चौपट होने के आसार बनने लगे है।


प्रमाणित बीज से 20 गुना से अधिक होती है पैदावार
हाई ब्रीड और प्रमाणित बीज से किसानों की उपज की पैदवार 20 गुना से अधिक होती है। जानकार बताते है कि सरकारी बीज को तैयार करने से पहले उसकी उपज की क्षमता की जांच की जाती है। सीड निगम के प्रयोगशाला में बीज के उत्पादन और ग्रोथ की जांच होने के कारण पैदावार का भी परीक्षण किया जाता है। इसके बाद बीज प्रोडक्शन का सर्टिफिकेशन के बाद सीड फार्म निगम का उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद यह बीज सीधे किसान या फिर कृषि विभाग और सोसायटी के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।

प्रक्रिया प्रभारी दे रहे गोलमाल जवाब
जिले में सरकारी बीज के लिए किसानों की मारामारी जारी होने के बाद भी प्रक्रिया प्रभारी योगेंद्र नायक का कहना है कि रबी के सीजन 2022-23 में बीज किसे दिया गया है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इतना ही प्रक्रिया प्रभारी यह बताते की स्थिति में भी नहीं है कि पिछले रबी के सीजन में किस बीज को किस-किस को दिया गया है। ऐसे में प्रक्रिया प्रभारी के गोलमोल जवाब से उनकी भूमिका पर संदेह गहराने लगा है। सूत्रों का कहना है कि बीज एवं फार्म निगम के स्थानीय कर्मचारियों के द्वारा मनमाफिक तरीके से बीज की खरीदी और बिक्री की गई है। इसके चलते बीज निगम के प्रक्रिया प्रभारी पिछले साल रबी के सीजन में सीड के विक्रय और क्रय की जानकारी छिपा रहे है। हालांकि प्रक्रिया प्रभारी की संदिग्ध भूमिका पर राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने जांच के संकेत दिए है।

इनका कहना है
शासन का अवगत करा दिया गया है। शासन स्तर से जल्द ही रेट फाइनल होने की उम्मीद है। प्रक्रिया प्रभारी के पास पिछले रबी के सीजन की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है। यदि उनके द्वारा किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। रामसखा मोबई, क्षेत्रीय प्रबंधक, राज्य बीज एवं फार्म निगम