आर्यन की 16 वर्षीय बहन पिंकी की मौत भी ठीक सात दिन पहले इसी सांप के काटने से हुई थी। पिंकी भी बिस्तर पर सोते समय सर्पदंश का शिकार बनी थी।
जिले के रनमऊ गांव से एक ह्रदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे और शोक में डुबो दिया है। सात दिनों के भीतर एक ही परिवार के दो मासूम बच्चों की एक ही जहरीले सांप के काटने से मौत हो गई। हालांकि दूसरी घटना के बाद सांप भी मरा पाया गया।
शुक्रवार रात को गांव के निवासी लखन प्रसाद का 8 वर्षीय बेटा आर्यन रोज की तरह अपने बिस्तर पर सो रहा था। रात के सन्नाटे में किसी को भनक तक नहीं लगी कि वही बिस्तर जो उसके बचपन की नींदों का साथी रहा था, उसकी अंतिम नींद का स्थान बन जाएगा। अचानक आर्यन की तबियत बिगड़ी और शरीर अकडऩे लगा। घरवालों ने तत्काल बिस्तर की जांच की तो वहीं मरा हुआ एक जहरीला सांप मिला। बिना समय गंवाए आर्यन को लवकुशनगर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों की आंखों के सामने उनका लाल हमेशा के लिए चला गया। आर्यन की मौत के साथ ही लखन प्रसाद का पूरा परिवार शोक में डूब गया।
यह घटना और भी चौंकाने वाली तब बन गई जब पता चला कि आर्यन की 16 वर्षीय बहन पिंकी की मौत भी ठीक सात दिन पहले इसी सांप के काटने से हुई थी। पिंकी भी बिस्तर पर सोते समय सर्पदंश का शिकार बनी थी। उसे इलाज के लिए लवकुशनगर से जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। परिजन जमुना प्रसाद का मानना है कि यह वही सांप था, जो पहले पिंकी की मौत का कारण बना और बाद में सात दिन तक उसी कमरे में छिपा रहा। समय पाकर उसने आर्यन को भी अपना शिकार बना लिया।
दो मासूमों को खोने के बाद लखन प्रसाद और उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में है। आंखों से लगातार बहते आंसू, कांपती आवाज के साथ परिवार अब सिर्फ खोए हुए लम्हों की यादें समेटे बैठा है। इस हृदयविदारक घटना के बाद रनमऊ गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक, सभी की आंखें नम हैं। आर्यन और पिंकी को जानने वाला हर शख्स स्तब्ध है।