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हेडमास्टर-प्रिंसिपल का गजब खेला! बिना अनुमति ब्रिटिशकालीन स्कूल का खुद ही कर दिया मर्जर

mp news: छतरपुर का 95 साल पुराना आदर्श माध्यमिक विद्यालय बिना किसी स्वीकृति के बंद कर दिया गया। 391 छात्रों का सांदीपनि विद्यालय में स्थानांतरण हुआ, शिक्षा विभाग को भनक तक नहीं लगी। (sandipani school)

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shocking school merger sandipani school education department mp news

shocking school merger sandipani school education department mp news (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)

shocking school merger: ब्रिटिश शासन में स्थापित और नौगांव शहर की शिक्षा संस्कृति का प्रतीक रहा आदर्श माध्यमिक वि‌द्यालय अब इतिहास बन गया है। लगभग 95 वर्षों से संचालित इस स्कूल का अस्तित्व बिना किसी विभागीय स्वीकृति, अनुमति या पारदर्शी प्रक्रिया के अचानक खत्म कर दिया गया। विद्यालय के 391 छात्र अब सांदीपनि वि‌द्यालय (sandipani school) में स्थानांतरित कर दिए गए हैं।

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि न तो जिला शिक्षा अधिकारी, न अनुमोदन समिति और न ही संकुल प्राचार्य को इसकी पूर्व जानकारी दी गई। यह निर्णय विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहन अहिरवार और सांदीपनि विद्यालय के प्राचार्य आरके पाठक की आपसी सहमति से लिया गया, जो शिक्षा विभाग की प्रक्रिया के घोर उल्लंघन का मामला बनता है। (mp news)

प्रक्रिया से परे फैसला, विभाग भी बेखबर

यह मर्जर न केवल लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देशों की अवहेलना है, बल्कि विभागीय मापदंडों की अवहेलना का प्रत्यक्ष उदाहरण भी है। जिला शिक्षा अधिकारी को सूचना नहीं दी, अनुमोदन समिति, जो स्कूलों की मर्जर को स्वीकृति देती है, उससे भी परामर्श नहीं लिया। संकुल प्राचार्य को क्षेत्र के सभी स्कूलों की गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए, वे भी निर्णय से अनभिज्ञ थे।

पूर्व विधायक का विरोध आंदोलन की चेतावनी

पूर्व विधायक नीरज दीक्षित ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह केवल वि‌द्यालय का विलय नहीं है, यह पूरे सरकारी शिक्षा तंत्र की जवाबदेही का हनन है। बिना किसी स्वीकृति व अनुमति के मर्जर पूरी तरह नियम विरुद्ध है। मैं इसे विधानसभा में उठाना चाहता था, लेकिन अवसर नहीं मिला। अब नौगांव में एक बड़ा जनआंदोलन होगा और इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

ब्रिटिश काल में बना था स्कूल

नौगांव का आदर्श माध्यमिक वि‌द्यालय करीब 95 साल पहले एक प्राथमिक स्कूल के रूप में स्थापित हुआ था। वर्षों में यह संस्थान माध्यमिक और बाद में हायर सेकेंडरी के स्तर तक पहुंचा। कुछ समय पूर्व हायर सेकेंडरी की कक्षाएं स्थानांतरित कर दी गई और यह वि‌द्यालय केवल माध्यमिक तक सीमित रह गया। हालांकि स्कूल की व्यवस्थाएं, भवन, छात्र संया और स्टाफ अभी भी पूरी तरह क्रियाशील थे। इसमें दर्ज 391 छात्रों में अधिकांश आर्थिक रुप से मध्यम और निनवर्गीय परिवारों से आते हैं, जो सरकारी शिक्षा पर निर्भर हैं।

विभागीय प्रतिक्रिया

जहां प्रधानाध्यापक मोहन अहिरवार ने अपनी सफाई में केवल संचालनालय के आदेशों का हवाला दिया है, वहीं सांदीपनि वि‌द्यालय के प्राचार्य आरके पाठक से सपर्क नहीं हो सका।