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६ साल से ताले में कैद तारा मंडल, पत्र भेजने के अलावा नहीं किए कोई प्रयास

18 लाख की राशि से बना तारा मंडल उद्घाटन के बाद से ही पडा बंद, स्कूली बच्चों व आम लोगों तैयार हुआ तारा मंडल

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तारा मंडल

तारा मंडल

छतरपुर. शासकीय एक्सीलेंस स्कूल क्रमांक- १ में बच्चों को तारा मंडल की शिक्षा देने के लिए तैयार तारा मंडल ६ वर्ष बाद भी बंद पड़ा है। प्रबंधन की ओर से १-२ पत्रचार के अलावा और कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। न ही जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की ओर से कोशिश की गई। ऐसे में 18 लाख की लागत से भवन तैयार किया गया तारा मंडल आंसू बहा रहा है।

तारामंडल को खगोल शास्त्र के अनुसार तैयार किया गया है। अंतरिक्ष में दिखने वाले तारों के समूह को कहते हैं। इतिहास में विभिन्न सभ्यताओं ने आकाश में तारों के बीच में कल्पित रेखाएं खींचकर कुछ आकृतियां बनाई हैं, जिन्हें तारामंडल नाम दिया गया है। प्राचीन भारत में एक मृगशीर्ष नाम का तारामंडल बताया गया। जिसे यूनानी सभ्यता में ओरायन कहते हैं। जिसका अर्थ शिकारी है। प्राचीन भारत में तारा मंडलों को नक्षत्र कहा जाता था। आधुनिक काल के खगोलशास्त्र में तारामंडल इन्ही तारों के समूहों को कहा जाता है। आधुनिक युग में तारों के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को तारामंडल कहा जाता है। तारामंडल में दिखने वाले तारे और अन्य वस्तुएं पृथ्वी से देखने पर एक-दूसरे के समीप लगतीं हैं पर होती नहीं हैं। इन सब की जानकारी तारामंडल के माध्यम से स्कूली छात्रों और आम लोगों को दी जाती है।

तारामंडल मंडल में खगोलीय संरचना का प्रदर्शन छात्र और आम लोग यहां पर आकर तारा मण्डल की जानकारी ले सकें। इस भवन को बने करीब साल से अधिक होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन इसे न तो छात्रों के लिए खोला गया और न ही आम लोगों के लिए यहां का ताला खाला गया। जिससे ६ वर्ष बाद भी तारा मंडल ताले में कैद है। जिससे अब १८ लाख की कीमत से तैयार किया गया तारा मंडल दिन बा दिन जर्जर होता जा रहा है यहां पर उद्धाटन के समय कराए गए विद्युत कनेक्शन में मीटर भी तोड़ दिया गया। इसके लिए स्कूल क्रमांक के प्रबंधन की ओर से १-२ बार प्रशासन को पत्र भेज कर इसमें बड़ा प्रोजेक्टर लगवाने की मांग की गई। लेकिन इसके बाद न तो मांग पूरी हुई और न ही फिर प्रयास किए गए।शुभारंभ के दौरान अंतरिक्ष के बारे में जानने के लिए इसका समय और दिन निर्धारित किए गए थे। जिसमें सप्ताह के ४ दिन जिले के स्कूलों में अध्यनरत छात्र- छात्राओं और २ दिन आम नागरिक तारा मंडल में आने के लिए खोला जाना था। इस भवन में एक साथ 70 लोगों को बैठाया जा सकता है।

1 अप्रैल 2017 को हुआ लोकार्पण

शहर के शासकीय उत्कृष्ट स्कूल क्रमांक-एक के खेल मैदान में 2012-13 में वर्तमान टीकमगढ़ सांसद डॉ वीरेंद्र कुमार ने तारामंडल भवन बनाने के लिए सांसद निधि से 18.02 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इस तारामंडल भवन का सांसद द्वारा भूमिपूजन किया गया। इसके साथ ही इस भवन निर्माण के लिए छतरपुर नगर पालिका को निर्माण एजेंसी बनाया गया। निर्माण एजेंसी ने इस भवन के टेंडर निकालते हुए इसे चार साल में तैयार कर एक्सीलेंस स्कूल प्रबंधन को सौंप दिया। 1 अप्रैल 17 को केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के मुख्य आतिथ्य में और स्थानीय सांसद डॉ वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक इस भवन का लोकार्पण किया गया।