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न समय पर शिक्षक पहुंच रहे न ही खुल रहा स्कूल, विद्यार्थी परेशान

बक्सवाहा क्षेत्र के ग्राम धरमपुरा के सरकारी स्कूल के हैं बुरे हाल, गांव के सरपंच ने डीइओ से की शिकायत, नहीं हो रहा सुधार

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Teachers are not reaching at the time, neither the school is open, the student is upset

Teachers are not reaching at the time, neither the school is open, the student is upset

छतरपुर। जिले के बक्स्वाहा ब्लाक के बम्हौरी संकुल अंतर्गत आने वाले शासकीय मिडिल एवं प्राइमरी स्कूल धरमपुरा के इन दिनों बुरे हाल है। गांव के स्कूल में आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन यहां के दोनों सरकारी स्कूल एक अतिथि शिक्षक और एक सहायक शिक्षक के ही भरोसे चल रहा है। स्कूल के हैडमास्टर से लेकर पूरा स्टाफ गायब रहता है। बुधवार को गांव के सरपंच गोपाल यादव ने जब स्कूल में जाकर देखा तो यहां की स्थिति समझने में उन्हें देर नहीं लगी। उन्होंने तुरंत डीइओ को फोन लगाकर मामले की शिकायत की। अब डीइओ ने कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।
शासकीय मिडिल एवं प्राइमरी स्कूल धरमपुरा में 250 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इनको पढ़ाने के लिए एक हैडमास्टर सहित ८8लोगों का स्टाफ है। इनमें अतिथि शिक्षक भी शामिल है। स्कूल खुलने का समय सुबह 10.30 से शाम 4.30 बजे तक है। लेकिन यह स्कूल हर दिन सुबह 11 बजे के बाद खुलता है और दोपहर 3.30 बजे ही बंद हो जाता है। हर दिन यहां एक-दो शिक्षक ही आते हैं। पढ़ाई नहीं होने के कारण स्कूल से बच्चों का भी मोह भंग होने लगा है। बुधवार को जब गांव के सरपंच गोपाल यादव सुबह 10.30 बजे स्कूल पहुंचे तो गेट पर ताला लगा था, कुछ बच्चे बाहर खेल रहे थे। 11 बजे के बाद यहां पर पहले अतिथि शिक्षक अनिल यादव पहुंचे। इसके बाद सहायक शिक्षक अच्छेलाल कोल भी आ गए। लेकिन फिर 12 बजे तक कोई भी स्टाफ नहीं आया। बच्चों को प्रार्थना करवाकर शिक्षकों ने कक्षाओं में भेज दिया। इसके बाद उनकी पढ़ाई भगवान भरोसे ही रही। बच्चों ने बताया कि हर दिन एक-दो शिक्षक ही आते हैं। शिक्षकों ने अपने आने के लिए आपस में ही दिन तय कर लिए हैं। किसी विशेष मौके पर ही सभी शिक्षक एक साथ जुटते हैं, बाकी के दिनों में केवल दो-तीन शिक्षक ही पूरा स्कूल चलाते रहते हैं। बुधवार को हैडमास्टर अश्वनीकुमार सचान और उनकी पत्नी निशा सचान स्कूल ही नहीं पहुंचे। इनके अलावा शिक्षक पंचमलाल यादव, पुष्पेंद्र अहिरवार, माला नामदेव, निशा सचान, कामता कोल स्कूल नहीं पहुंचे। सरपंच गोपाल यादव ने बताया कि यह रोज की स्थिति है। वे इसी स्कूल में पढ़े हैं, इसलिए उन्हें यहां शिक्षा की मौजूदा व्यवस्था देखकर दुख होता है। उन्होंने डीइओ संतोष शर्मा ने भी शिकायत की है।
मध्यान्ह भोजन में हो रहा खेल
गांव के स्कूल में 250 बच्चे दर्ज है। इसलिए यहां मध्यान्ह भोजन में भी बड़ा खेल हो रहा है। हर दिन स्कूल में 10 से 15 की संख्या में ही बच्चे पढऩे के लिए पहुंचते हैं। जबकि रिकॉर्ड पर 250 बच्चों के हिसाब से मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है। ईधन से लेकर राशन तक में बड़ा खेल किया जा रहा है। गांव के सरपंच ने डीइओ से यहां की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।