छतरपुर. झांसी-खजुराहो फोरलेन पर आवारा मवेशियों से हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा जाली लगाने का मामला अटक गया है। फोरलेन निर्माण करने वाली ठेका कंपनी ने सुरक्षा जाली लगाने से इंकार कर दिया। डीपीआर में सुरक्षा जाली (बेरीकैडिंग) करने के लिए 7 करोड़ 6 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है, लेकिन टेंडर में इसका उल्लेख नहीं होने से निर्माण कंपनी पीएनसी कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में विभाग ने कार्रवाई के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा है।

टोल वसूल रहे, लेकिन सुरक्षा नहीं मिलती
झांसी खजुराहो फोरलेन का 85 किलोमीटर लंबा हिस्सा छतरपुर जिले में आता है। फोरलेन पर पचवारा और देवगांव में टोल प्लाजा के जरिए 155 रुपए टोल टैक्स वसूला जाता है। एनएचएआइ ने फोरलेन पर कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा व ट्रक की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार के जगह-जगह बोर्ड लगाए हैं। फोरलेन पर रफ्तार की सुविधा देने के लिए लिए ही टोल वसूला जा रहा है। लेकिन टोल वसूलने के वाबजूद वाहन चालकों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है। बमीठा, पहाड़ी हीराजू, गंज, बसारी, बृजपुरा, छतरपुर शहर के बाइपास, दौरिया, पचवारा, अलीपुरा के आसपास स्थाई रुप से आवारा मवेशी डेरा जमाए हुए हैं। देवगांव के पास गंज में दिन हो या रात हमेशा मवेशियों का झुंड़ फोरलेन के बीच बैठा नजर आता है। लेकिन टोल बसूलने वाली कंपनी और एनएचएआइ आवारा मवेशियों से यात्रियों व वाहन चालक की जान बचाने का ठोस उपाय नहीं कर रहा है। नाम के लिए एक वाहन सडक़ पर कभी कभी नजर आता है, जो आवारा मवेशियों को सडक़ से भगाने का काम करता है।
आवारा मवेशी बन रहे दुर्घटना की वजह
खजुराहो-झांसी हाइवे पर आवारा जानवरों के कारण लोग आए दिन हादसे का शिकार हो रहे हैं। कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं। इसके बाद भी जानवरों को रोकने के लिए बेरीकैडिंग (सुरक्षा जाली) का इंतजाम नहीं किया गया है, जबकि नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक हाइवे किनारे बेटरीकैडिंग होना अनिवार्य है। हाइवे के निर्माण को एक साल हो गया है, लेकिन एनएचएआई ने अभी तक बेरीकैडिंग नहीं कराई है। एनएचएआई के जनरल मैनेजर पीएल चौधरी पहले कहते रहे कि निर्माण कंपनी पीएनसी को 4 माह में जाली लगाने के निर्देश दिए हैं। अब उनका कहना है कि कंपनी ने जाली लगाने से इनकार कर दिया। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।

कलक्टर के निर्देश भी वेअसर
फोरलेन व अन्य सडक़ों पर आवारा मवेशियों के चलते हो रहे हादसों को देखते हुए कलक्टर संदीप जीआर ने कई बार जनपद पंचायतों व नगरीय निकायों को मवेशियों का इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने हाइवे और मुख्य सडक़ों पर आवारा जानवरों को हटाने के निर्देश एनएचएआई और नगर पालिका को दिए हैं। उन्होंने कहा था कि एनएचएआई द्वारा हाइवे पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं, आवारा जानवरों के सींगों पर रेडियम लगाया जाए, जिससे रात्रि के समय वाहन चालकों को जानवरों का पता चल सके। बारिश के मौसम में अक्सर इस तरह की दुर्घटनाएं होती हैं। बारिश में बीच सडक़ पर बैठे जानवर नजर नहीं आते हैं। फोरलेन पर बने पचवारा टोल के दोनों और दौरिया, अलीपुरा तथा धर्मपुरा गांव के पालतू और आवारा जानवर शाम होते ही हाइवे पर बैठ जाते हैं। कलेक्टर संदीप जीआर ने जनपद सीईओ व निकाय सीएमओ को निर्देश दे रखे हैं कि सडक़ों पर जानवर दिखें, तो पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। लेकिन इन निर्देशों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है।
