हालांकि सूर्य की किरणों से दिन में थोड़ी गर्मी महसूस हो रही है, लेकिन ठंडी हवाओं के कारण अधिकतर लोग अलाव जलाने के लिए विवश हैं। खासकर, सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट होने से ठंड और बढ़ जाती है। इस समय तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
ठंड के कारण जिले में कृषि क्षेत्र पर भी असर पड़ रहा है। किसान सुबह के समय अपनी फसलों को बचाने के लिए अलाव जलाते हैं और फसलों को सर्दी से बचाने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाते हैं। इस मौसम में सब्जियों और फलों की फसलें भी शीतलहर से प्रभावित हो रही हैं, जिसके कारण किसानों को चिंता बनी हुई है।
स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस शीतलहर के प्रभाव को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ठंड के कारण सर्दी-जुकाम, बुखार और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर वृद्धजनों और बच्चों को ठंड से बचाकर रखना आवश्यक है। विशेषज्ञों ने गर्म कपड़े पहनने, शरीर को पूरी तरह से ढकने और गर्म पानी का सेवन करने की सलाह दी है।
प्रशासन जलवा रहा अलाव जिले में शीतलहर के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए अलाव जलाने, सर्दी से बचाव के लिए उपायों को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने और सर्दी से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी कुछ दिनों तक ठंड का प्रभाव जारी रहने की संभावना है। तापमान में और गिरावट हो सकती है, लेकिन साथ ही दिन में हल्की धूप भी देखने को मिल सकती है। लोग दिन में धूप का लाभ उठाते हुए अपनी दिनचर्या जारी रखने की कोशिश करेंगे, लेकिन शीतलहर की तीव्रता में कोई कमी आने की संभावना नहीं है।