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राज्य के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू, 12 मई तक कर सकेंगे आवेदन

जो अभ्यर्थी पहले अतिथि शिक्षक नहीं रहे हैं और पहली बार आवेदन कर रहे हैं, उन्हें पोर्टल पर अपना पंजीयन कराना होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्रों को पोर्टल पर अपलोड कर अपनी प्रोफ़ाइल लॉक करनी होगी।

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जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय

छतरपुर. सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए नए आदेश जारी करते हुए एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर आवेदन की प्रक्रिया चालू कर दी है। इस संबंध में डीईओ आरपी प्रजापति ने जानकारी देते हुए सभी पात्र आवेदकों से समय रहते आवेदन करने की अपील की है।

पोर्टल पर पंजीयन जरूरी


नए आदेश के अनुसार, जो अभ्यर्थी पहले अतिथि शिक्षक नहीं रहे हैं और पहली बार आवेदन कर रहे हैं, उन्हें पोर्टल पर अपना पंजीयन कराना होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्रों को पोर्टल पर अपलोड कर अपनी प्रोफ़ाइल लॉक करनी होगी। एक बार प्रोफ़ाइल लॉक होने के बाद ही दस्तावेजों का सत्यापन किया जा सकेगा।

दस्तावेज अपडेट करना होगा


वहीं, वे अभ्यर्थी जो पूर्व में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य कर चुके हैं और पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें भी पोर्टल पर जाकर अपने दस्तावेज अपडेट करना और प्रोफ़ाइल लॉक कराना अनिवार्य होगा। यदि उनकी जानकारी में कोई बदलाव नहीं भी है, तो भी प्रोफाइल लॉक करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, जिन पंजीकृत आवेदकों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं, वे भी पोर्टल पर जाकर नया नंबर अपडेट करें, अन्यथा उन्हें भविष्य की किसी भी सूचना या आमंत्रण की जानकारी नहीं मिल सकेगी।

13 मई से सत्यापन


इस बार आवेदन की अंतिम तिथि 12 मई 2025 निर्धारित की गई है। उसके बाद 13 मई तक संकुल स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन का कार्य संकुल प्राचार्य के माध्यम से संपन्न होगा। सभी अभ्यर्थियों को मूल दस्तावेज लेकर संबंधित प्राचार्य के पास पहुंचकर सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। सत्यापन के बिना स्कोर कार्ड जनरेट नहीं होगा और ऐसे अभ्यर्थी 2025-26 की अतिथि शिक्षक आमंत्रण प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे।

समय से प्रक्रिया करनी होगी


विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई आवेदक इस निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी नहीं करता या इसमें लापरवाही बरतता है, तो इसके लिए संबंधित संकुल प्राचार्य एवं एईओ (सहायक शिक्षा अधिकारी) भी उत्तरदायी माने जाएंगे। डीईओ प्रजापति ने कहा कि अतिथि शिक्षकों की भूमिका स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अहम होती है। इसलिए विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पात्र, योग्य और सत्यापित अभ्यर्थियों को ही अवसर मिले।