छतरपुर. रेत से ओवरलोड टै्रक्टर-ट्रॉली शहर के विभिन्न कॉलोनियों के अंदर से आ जा रहे हैं। जिसका असर सबसे अधिक यहां के सड़कों में पर रहा है। टै्रक्टर-ट्रॉली में अधिक लोड़ होने और उसके अनुसार सड़क कमजोर होने से खराब हो रही हैं। जिससे आसपास के रहवासियों को परेशानी हो रही है। इसको लेकर कॉलोनी के रहने वालों ने खनिज और पुलिस को जानकारी दी। लेकिन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में बे-रोक टोक परिवहन जारी है।
जानकारी के अनुसार जिले के कई इलाकों से रेत टै्रक्टर-ट्रॉली से शहर में आ रही है। यह ट्रैक्टर चालक शहर की मुख्य सड़कों से न जाकर कॉलोनियों की रास्तों से आना जाना कर रहे हैं। जिससे टै्रक्टर-ट्रॉली में छमता से दो तीन गुना अधिक भार होने से सड़कें खराब हो रही है। ऐसे में हालात हैं कि सटई रोड, नरसिंहगढ़ पुरवा, चौबे कॉलोनी, शांति नगर की अधिकतर सड़कें टूट गई है और अभी भी यहां से अभी भी ओवारलाड़ टै्रक्टर-ट्रॉली का आना जाना लगा हुआ है।
नरसिंहगढ़ पुरवा के रहने वाले बालकिशुन नगायच ने बताया कि सुबह से ही कॉलोनी की सड़कों से टै्रक्टर-ट्रॉली गुजरने हैं और इनमें छमता से दो तीन गुना अधिक भार होने और रेत से गिर रहे पानी से सड़कें खराब हो रही हैं। इसको लेकर बीते करीब २ माह पहले इस कॉलोनी के आधा दर्जन लोगों ने जनसुनवाई में पुलिस और खनिज के नाम आवेदन देकर कॉलोनी की सड़कों से रेत के वाहनों पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन अभी भी टै्रक्टर-ट्रॉली निकल रहे हैं।
वहीं इसके साथ ही चैतगिरी कॉलोनी, सीतारात कॉलोनी, पठापुर रोड क्षेत्र में भी यही हाल है। यहां कई कई सड़कें जहां से रेत के टै्रक्टर-ट्रॉली निकलते हैं वहां की सड़कें जर्जर हो गई हैं।
इनका कहना है
हमें जहां पर भी रेत के ओवरलोड वाहन होने की जानकारी मिलती है तो कार्रवाई करते हैं। पिछले दिनों कई कार्रवाईयां की गई हैं। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी, छतरपुर