
पाइप लाइन से पानी नहीं आने से पानी के लिए परेशान आर्दशनगर रहवासी
छतरपुर. शहर में गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट भी गहराता जा रहा है, लेकिन इससे भी अधिक हैरान करने वाली बात यह है कि तीन वर्षों से पानी की सप्लाई न मिलने के बावजूद कई वार्डों के रहवासियों को 4 से 5 हजार रुपए तक के पानी के बिल थमा दिए गए हैं। यह मामला नगरपालिका छतरपुर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
शहर के वार्ड क्रमांक 17 कचरा प्रसंस्करण केंद्र के पास आर्दश कॉलोनी, वार्ड 36 राधिका गार्डन, वार्ड 23 और वार्ड 19 गल्ला मंडी के पीछे, संकट मोचन पहाड़ी, गोवर्धन टॉकीज के पास, ग्वाल मंगरा तालाब के पास, अमानगंज मोहल्ला, बच्चा जेल के पास सहित कई इलाकों में हालात बदतर हैं। गर्मी के इस मौसम में लोग टैंकर, हैंडपंप और निजी बोरिंग पर निर्भर हैं।
अमृत योजना के तहत छतरपुर शहर में 21310 नए नल कनेक्शन और 19690 पुराने कनेक्शनों को मिलाकर कुल 31000 से अधिक नल कनेक्शन किए गए हैं। लेकिन इनमें से करीब 1600 नल कनेक्शन ऐसे हैं जहां आज तक पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंची। प्रमुख कारणों में अधूरी टंकियों का निर्माण और लाइन बिछाते समय लेवलिंग की भारी अनदेखी बताई जा रही है।
वार्ड 17 की आर्दश कॉलोनी में रहने वाले आशाराम श्रीवास, मैयादीन अग्निहोत्री, अभिषेक मिश्रा, ऋषि, शिवम, भवानीदीन, हरीदना कोरी, छोटेलाल साहू, विद्या श्रीवास, माया सेन, महेश श्रीवास ने बताया कि तीन साल पहलें पाइपलाइन बिछाई गई थी। कर्मचारियों ने आधार कार्ड लेकर कहा था कि एक महीने में पानी आएगा, लेकिन तीन साल हो गए, पानी नहीं आया।रहवासियों का आरोप है कि पाइपलाइन बिछाते समय पथरीली जमीन और ऊंचाई-गहराई को नजऱअंदाज़ किया गया, जिससे जल प्रवाह बाधित हो गया। किसी नल में पानी पहुंचता ही नहीं। अब हालत यह है कि पानी नहीं मिलने के बावजूद हजारों रुपए के बिल भेजे जा रहे हैं।
रहवासियों ने बताया कि कई बार नगरपालिका कार्यालय, सीएमओ और सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें की गईं, लेकिन या तो आश्वासन मिला या शिकायत ठंडे बस्ते में डाल दी गई। कॉलोनीवासियों का कहना है कि वे अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि नगरपालिका उनकी सुनवाई नहीं कर रही।
राधिका गार्डन कॉलोनी के निवासी विजय सिंह गौतम ने बताया कि उनकी कॉलोनी के करीब 100 घरों में पानी की सप्लाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि 4 साल पहले कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन पानी नहीं आया। कई बार आवेदन दिए गए, लेकिन कनेक्शन न काटे गए और न पानी आया। लोगों को डर है कि बिना पानी के भी आने वाले समय में बिलों की वसूली न हो जाए।
1. तत्काल उन क्षेत्रों की तकनीकी जांच कराकर पाइपलाइन की मरम्मत कराई जाए।
2. जहां पानी की आपूर्ति नहीं हो रही, वहां के कनेक्शन काटे जाएं या बिल माफ किए जाएं।
3. दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए।
इस पूरे मामले में जब नगरपालिका अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस रवैये से रहवासी और अधिक आक्रोशित हैं। शहर की जल व्यवस्था का यह मामला केवल तकनीकी खामी नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। जब जनता बिना पानी के तीन साल गुजार चुकी है, तो उन्हें जबरन बिल थमाना न्यायसंगत नहीं है। सवाल उठता है कि अगर नगर पालिका पानी नहीं दे सकी, तो फिर बिल किस बात का लिया जा रहा है?
Published on:
23 May 2025 10:53 am
बड़ी खबरें
View Allछतरपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
