कलक्ट्रेट कार्यालय में आने वाले लोगों को हेलमेट व सीटबेल्ट अनिवार्य कर दिया गया। जिसके बाद अधिकतर लोग इसका पालन कर रहे हैं। इसी तरह के आदेश की जरूरत सभी शासकीय और निजी कार्यालयों में जारी करने की जरूरत हैं।
शहर के सैडका भर से अधिक सरकारी और बढ़ी निजी संस्थाओं का कार्यालय हैं। यहां पर हजारों की संख्या में लोग कार्य कर रहे हैं। ऐसे घर से आने जाने के दौरान कई बाद वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसी तरह की एक घटना ९ सितम्बर को कलक्टे्रट कार्यालय के सामने हुई थी। इस घटना में ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार शिक्षक की मौत हा ेगई थी। इस घटना की जानकारी होने पर कलक्टर संदीप जीआर और एएसपी विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे थे। इस घटना के दो-तीन दिन बाद कलक्टर द्वारा ऐ आदेश जारी करते लिए कलक्ट्रेट कार्यालय में आने वाले सभी दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट व कार में आने वालों को सीट बैल्ट के बिना प्रवेश नहीं देना लेख किया। जिसके बाद से यहां पर अधिकतर लोग इस आदेश का पालन कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही अन्य कार्यालयों में आने वालों कर्मचारी अधिकारी और आम लोग यातायात नियमों का पाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अगर सभी शासकीय व निजी कार्यालयों आने वालों को हेलमेट व सीटबेल्ट की अनिवार्यता की जाए। जिससे शहर के होने वाली घटनाओं में काफी कमी आ सकती है।
चूकि शासकीय कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी अपने वाहनों में औहदा, पद, विभाग या अन्य लेख लिखाकर नियमों की अनदेखी करते हैं। साथ ही चौकिंग के दौरान बचने की कोशिश करते हैं। वहीं अधिकारी भी कार्यालय आने जाने के दौरान भी इन नियमों की अनदेखी करते हैं। नियमों की अनदेखी करने में कलक्टर कार्यालय के पास में स्थित जिला पंचायत, जनपद पंचायत, आरईएस, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, आकाशवाणी, जिला सहकारी बैंक, एलआईसी, एसपी कार्यालय सहित कई कार्यालय हैं। जहां पर हेलमेट और सीटबेल्ट के बिना परिसर में प्रदेश नहीं देना चाहिए। ऐसे में सुधार आने की उम्मीद है।