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छतरपुर

4 जी नेटवर्क के जमाने में भी पेड़ पर चढ़कर हो पाती है मोबाइल से मन की बात

घरों की छत, पेड और पहाड़ की पर चढ़कर खोजते है सिग्नल

छतरपुरMay 23, 2022 / 06:18 pm

Dharmendra Singh

10 गांवों की 6 हजार आबादी आज भी डिजीटल इंडिया से दूर

10 गांवों की 6 हजार आबादी आज भी डिजीटल इंडिया से दूर

छतरपुर। देश में संचार क्रान्ति ने हमारे जीवन को आसान करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। दुनिया में सबसे सस्ती मोबाइल और इंटरनेट सेवा के कारण जन-जन को इसका फायदा हुआ है। कोराना काल में 4 जी इंटरनेट की उपयोगिता और बढ़ी है। डिजिटल युग में सरकार सारे काम ऑनलाइन कर रही है, लेकिन जिले के 10 गांव मोबाइल नेटवर्क की रेंज में ही नहीं है। यहां ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल फोन तो हैं, पर बिना नेटवर्क किसी काम के नहीं। गांव के पेड़ो, घरों की छतों और पहाड़ों पर मोबाइल नेटवर्क पकड़ता है तो लोग वहां पहुंंच जाते हैं।
घरों की छत पर मिल रहा सिग्नल
वंसिया ग्राम पंचायत के अमहा गांव के अलावा हर्रई , त्रिवेदिन पुरवा, किवटन पुरवा,लूका, गुलौरा, घूरा, लखनी, विनोद नगर , मन्नी का पुरवा में लोग घरों की छत, पेड़ों पर चढ़कर नेटवर्क खोजते हैं। कई घरों के पास पेड़ों पर मोबाइल टांग कर रखे गए हैं। ताकि मोबाइल पर आने वाले कॉल का पता चल सके। इन गांवों में बसने वाले 6000 लोगो नेटवर्क की समस्या से परेशान हैं ही, बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। युवा भी इंटनेट से वंचित होने से नौकरी की तलाश के लिए विज्ञापन देखने और फॉर्म भरने के लिए परेशान होते हैं।
आधुनिक दुनिया से कटे रहने का युवाओं का मलाल
वंसिया निवासी छोटू शुक्ला, छोटू सिंह, दिलीप अग्निहोत्री, रामकिशोर आरख पूर्व सरपंच ,गोलू शुक्ला ,मुन्ना यादव ,रामप्रताप विश्वकर्मा, महेश यादव, रमेश शुक्ला ,शिपू विश्वकर्मा ,अजय , दीपक, मनीष ,सोनू ,काशी वर्मा आदि युवाओं के साथ बुजुर्गों ने बताया कि सात साल से लोग नेटवर्क न मिलने परेशान है। हर महीने 250 रुपए का रिचार्ज कराते हैं, लेकिन उपयोग नहीं कर पाते हैं। युवाओं का इस बात का भी मलाल है कि आधुनिक युग में रहकर भी वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कटे हुए हैं।

7 साल से है समस्या, समाधान नहीं
7 वर्ष पहले बीएसएनएल नेटवर्क कंपनी ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए चंदला गौहानी मार्ग पर लूका ग्राम में मोबाइल टावर लगाया था, लेकिन यह टावर कुछ ही दिनों तक अपनी सेवाएं दे पाया और तब से लेकर आज तक बंद पड़ा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इसी टावर में किसी भी कंपनी का नेटवर्क जोड़ दिया जाए, ताकि इस क्षेत्र को तकनीकी स्तर पर पूरे देश से जोड़ा जा सके। अमाहा निवासी कपूर चन्द्र पटेल ने बताया कि इस संबंध में कई बार लिखित में जिला अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन सात साल से मेरा और गांव के सारे परिवार पेड़ पर सीढ़ी लगाकर चढ़ते और मोबाइल से बात करते आ रहे हैं।

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