लवकुशनगर. क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिदवारा के ग्रामीण अवैध उत्खनन व अवैध हैवी ब्लास्टिंग के विरोध में अनशन पर बैठे हैं। जहां पर अनशन के चौथे दिन एसडीएम और एसडीओपी मौके पर पहुंची और अवैध कारोबार पर कार्रवाई करने की बात कही। लेकिन अनशनकारियों द्वारा लिखत में आश्वासन की मांग की गई। इस दौरान काफी देर तक अधिकारियों और अनशनकारियों में बात हुई। लेकिन बात नहीं बन सकी और अधिकारियों को बेरंग लौटना पड़ा।
लवकुशनगर क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिदवारा के ग्रामीण ४ दिन से अनशन पर बैठे ग्राम वासियों की मांग है कि अवैध उत्खनन और हैवी ब्लास्टिंग, रोड की समस्या, ओवर लोड हाइवा, डंफर स्कूली बच्चों की जान माल का खतरा बना रहता है। तो वहीं लगभग 5 माह पूर्व खुली पड़ी खदान में दो बच्चों की मौत हो गई थी। जिसको लेकर मृत बच्चों के पिता ने बताया कि पहाड़ संचालकों द्वारा राजिनामा का दबाव बनाया जा रहा है और जान से मरने की धमकी दी जा रही है।
ग्राम विकास के लिए खनन माफियाओं से नहीं मिलती है ग्राम विकाश की राशि ग्राम वासियों ने बताया की गोंड खनिज में यह प्रावधान है कि जिस ग्राम पंचायत में उत्खनन हो रहा है उस ग्राम पंचायत के लिए विकास कार्य के लिए खनिज विभाग और क्रसर संचालकों द्वारा नहीं मिल रही, वहीं ग्राम वासियों को हैवी ब्लास्टिंग की धमक से पूरा गांव दहल रहा है, तो वही मुख्य सड़क पर पानी छिड़काव नहीं किया जाता है, जिससे धूल से ग्राम वासियों बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
इसी को लेकर रविवार को दोपहर धरने में बैठे लोगों के पास लवकुशनगर एसडीएम विनय द्विवेदी और एसडीओपी नवीन दुबे ने समझाइश दी और अनशन खत्म करने की बात कही। साथ ही जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। लेकिन ग्राम वासियों की मांग थी कि लिखत में जवाब दिया जाए, तब धरना प्रदर्शन खत्म होगा। लेकिन एसडीएम विनय द्विवेदी ने लिखित कोई पत्र नहीं दिया, जिससे अनशन जारी है। धरने में बैठे ग्राम वासियों ने एक-एक का अपनी व्यथा सुनाई और बताया कि खनन माफियाओं के आगे प्रशासन भी नतमस्तक है।