छतरपुर. कम बारिश के चलते जलसंकट से जूझ रहेे जिले में भूजल का बेतरतीब दोहन बेरोकटोक हो रहा है। जिले में क्षमता से अधिक भूजल का उपयोग किया जा रहा है। नतीजतन छतरपुर शहर, नौगांव समेत राजनगर, बक्सवाहा और बड़ा मलहरा भूजल दोहन के मामले में क्रिटिकल स्टेज पर आ गए हैं। वहीं, जिले का भूजल स्तर नीचे गिरने के साथ ही खतरनाक भी हो गया है। सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट और लोहा की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। भू-जल में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम, नाइट्रेट 1.5 मिलीग्राम, आर्सेनिक 0.5 मिलीग्राम और लोहा की मात्रा 1.0 मिली ग्राम से ज्यादा प्रति लीटर हो गई है। इन तत्वों की मात्रा तय मानक से अधिक होने से भूल पीने के लिहाज से खतरनाक हो गया है।

रिचार्ज 61 फीसदी, दोहन 86 प्रतिशत तक
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 61 प्रतिशत भूजल रिचार्ज होता है, जबकि अलग-अलग शहरों में 80 से 86 प्रतिशत तक भूजल निकाला जा रहा है। इससे हर साल भूजल स्तर तीन से पांच मीटर कम हो रहा है। सबसे ज्यादा बुरी स्थिति नगरीय निकायों में है। यहां क्षमता से अधिक भूजल का दोहन हो रहा है। नौगांव में 86 फीसदी, छतरपुर शहर में 81 फीसदी तो बक्स्वाहा में 79.73 फीसदी भूजल का उपयोग हो रहा है। बड़ा मलहरा में ये आंकड़ा 71.08 और राजनगर में 71.36 फीसदी है।
जलसंरक्षण के उपाय भी नहीं आ रहे काम
ताजा आंकड़ो के अनुसार वर्तमान में जिले में औसत भू-जल स्तर 14.66 मीटर है। जिले के छतरपुर, नौगांव जैसे बड़े शहरों में भू जल स्तर 16 और छोटे नगरीय निकायों में 14 मीटर तक भू जल स्तर पहुंच गया है। बारिश का सीजन खत्म होते ही भू जल स्तर की ऐसी स्थिति चिंताजनक है। वर्षा जल के संरक्षण के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग, खेत तालाब, चैकडेम, मेढबंधान के साथ कई योजनाएं संचालित हैं।लेकिन योजनाओं पर सही तरीके से काम न होने के कारण बारिश का पानी हर साल बह जा रहा है। इससे भी भूजल का स्तर गिर रहा है।

इतनी हुई है अब तक बारिश
जिले में अब तक 1३.४ इंच औसत बारिश हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा बड़ामलहरा में २०.९ इंच और गौरिहार में सबसे कम १०.२ इंच बारिश दर्ज की गई है। वहीं, छतरपुर में 1२.७, लवकुशनगर में 10.६, बिजावर में 1४.६, नौगांव में 11.७, राजनगर में 1२.६, बिजावर में १४.६ इंच और बकस्वाहा में 1३.६ इंच बारिश दर्ज की गई है। बारिश कम होने का असर जिले के बांधों के जलस्तर पर भी पड़ा है। गोरा तालाब में केवल एक फीसदी जलभराव है। वहीं, कुटनी बांध में 6 प्रतिशत, रनगुंवा में 4, सिंहपुर में 29, तारपेड़ में 30 और उर्मिल में 6 फीसदी जलभराव है।

फैक्ट फाइल
वर्तमान भूजल स्तर
ब्लॉक भूजल स्तर (मीटर में)
छतरपुर 16.22
नौगंाव 16.65
बिजावर 18.20
राजनगर 16.18
बकस्वाहा 16.45
लवकुशनगर 12.42
बड़ामलहरा 10.85
गौरिहार 10.42
