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एमपी में ईओडब्ल्यू के शिकंजे में फंसे 10 अधिकारी-कर्मचारी, केस दर्ज, होगी सख्त कार्रवाई

EOW MP 10 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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10 officers-employees caught in the clutches of EOW in MP

10 officers-employees caught in the clutches of EOW in MP

EOW MP छिंदवाड़ा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाला हुआ है। इसके तहत नगर परिषद जुन्नारदेव में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां पक्का मकान होने पर भी हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की तीन किस्तें दी गईं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) जबलपुर ने इस मामले की जांच के बाद 10 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

जुन्नारदेव में पूर्व में वार्ड नंबर तीन निवासी अनिता पति घनश्याम पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी कि उनके पास पहले से पक्का मकान होने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया। कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद जांच प्रतिवेदन ईओडब्ल्यू को भेजा गया।

ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि नगर परिषद जुन्नारदेव के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर गलत तरीके से आवास योजना का लाभ दिया। इस पर नगर परिषद जुन्नारदेव के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी सत्येंद्र सालवार, शुभलता आर्य, सुरेंद्र उइके, डीपी खाण्डेलकर, उपयंत्री विनय कुमार शुक्ला, जीएस चंदेल, लेखापाल मुकेश चौरसिया, दामोदर सोनी, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम मर्राफा, फील्ड इंजीनियर मृदुल गौतम के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया।

सभी आरोपी अधिकारियों, कर्मचारियों पर धारा 420, 467, 468, 471,120 बी एवं धारा सात भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम) 2018 के तहत केस दर्ज किया गया है। प्रकरण में जांचकर्ता कीर्ति शुक्ला, निरीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, इकाई जबलपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

एक मकान में घोटाले के आधार पर मामला दर्ज होने के बाद ईओडब्ल्यू अब पूरे कार्यकाल की जांच कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, उस अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत अन्य मकानों की भी जांच की जाएगी। जिन 10 अधिकारियों और कर्मचारियों पर मामला दर्ज हुआ है, उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं, कुछ का ट्रांसफर हो चुका है, जबकि कुछ अभी भी नगर परिषद में कार्यरत हैं।

खाली प्लाट दिखाया, तीन किस्तें खाते में डाली

जांच में सामने आया कि मकान निर्माण के लिए खाली जमीन दिखाई गई और फर्जी तरीके से फोटोग्राफी, जियो टैगिंग और सत्यापन कर योजना की तीन किस्तें जारी की गईं। यह मामला 2023 का है, जिसकी जांच कलेक्टर ने 2024 में पूरी कर रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को भेजी थी। 17 मार्च 2025 को ईओडब्ल्यू ने इस पर मामला दर्ज किया।

इधर नगर परिषद जुन्नारदेव की सीएमओ नेहा धुर्वे ने बताया कि जिस प्रकरण की बात हो रही है, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। यह मेरे कार्यकाल से पहले का मामला है। कुछ अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, कुछ अभी पदस्थ हैं और कुछ का ट्रांसफर हो चुका है।