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10 हजार घरों को नहीं मिली 21 घंटे तक बिजली

सोनपुर, सोनाखार, सारसवाड़ा, बोरिया, अतरवाड़ा सहित दर्जनों इलाकों में बिजली सप्लाई शनिवार से रही ठप

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आंधी-तूफान के साथ शनिवार रात तक हुई बारिश ने बिजली आपूर्ति ठप कर दी। हजारों उपभोक्ताओं के घरों व प्रतिष्ठानों की बिजली गुल हो गई। शहरी क्षेत्रों में तो रात करीब नौ बजे तक आपूर्ति बहाल हो गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में 21 घंटे से अधिक समय तक दस हजार से ज्यादा घरों में बिजली गुल रही।


बिजली कंपनी के दर्जनों कर्मचारी सोनाखार, सारसवाड़ा, मोहरली, सोनपुर में देर रात दो बजे तक बिजली सप्लाई का प्रयास करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद रविवार सुबह 10 बजे से फिर सुधार कार्य शुरू हुआ। शनिवार की शाम साढ़े 4 बजे बंद हुई बिजली रविवार की दोपहर दो बजे बहाल हो सकी।

जनजीवन रहा प्रभावित


ग्रामीण विद्युत वितरण केंद्र के कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र कड़वे ने बताया कि बिजली के तारों एवं पोल पर करीब 17-18 स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं उलझी मिलीं। पांच स्थानों पर पोल टूटे। तीन स्थानों पर इंसुलेटर से उतरे तार उलझे मिले। साथ ही एक दो जगह इंसुलेटर और लाइटनिंग अरेस्टर खराब पाए गए, जिन्हें बदला गया। सोनपुर फीडर अंतर्गत तारों के टूटने से काफी समस्या थी। वैकल्पिक फीडर भी बंद था, इससे रात को सप्लाई नहीं दे सके। टूटे पोल तो बदले नहीं जा सके, लेकिन उनके बीच के गैप को पोल एवं तारों की ऊंचाई बढ़ाकर कवर किया गया, ताकि सप्लाई शुरू की जा सके। बाद में पोल भी लगाए जाएंगे। दिन के ड्यूटी कर्मचारी रात दो बजे तक काम करते रहे। वहीं सुबह 10 बजे से पुन: कर्मचारियों को बुला लिया गया। इससे ही दोपहर तक बिजली सप्लाई चालू हो सकी।

लगातार मेंटेनेंस की है जरूरत

बिजली सप्लाई दुरुस्त रखने के लिए प्री मानसून मेंटेनेंस किया गया, ताकि तारों एवं पोल के आसपास के पेड़ों की छंटाई की जा सके। लेकिन मेंटेनेंस के बावजूद अभी भी कई जगह पेड़ों की शाखाएं तारों के आसपास हैं। इसके लिए बिजली कंपनी को मानसून के दौरान भी कुछ स्थानों में मेंटनेंस चलाने की जरूरत है, ताकि बारिश के दौरान बड़े फाल्ट से बचा जा सके। साथ ही कम समय में बिजली आपूर्ति हो सके।