
सूख रही धरती की कोख (Photo-Patrika)
अमृत योजना 2.0 में निर्माण एजेंसी को वर्क आर्डर जारी हुए छह महीने बीत गए हैं, अभी तक शहर समेत ग्रामीण अंचल में काम शुरू नहीं हो पाया है। इसका कारण पेयजल विस्तार की कार्ययोजना की ड्राइंग डिजाइन का भोपाल में अप्रूव नहीं हो पाया है। नगर निगम ने निर्माण एजेंसी को नोटिस भी जारी किया है। इधर, शहरी और ग्रामीण अंचलों की कॉलोनियों और बसाहटों में गर्मी के बावजूद पेयजल पाइप लाइन बिछ नहीं पा रही है।
इस 74 करोड़ रुपए की अमृत 2.0 योजना का ठेका दिल्ली की जियो मिलर कंपनी को मिला है। इसके वर्क आर्डर अक्टूबर 24 में नगर निगम ने जारी कर दिए हैं। अब पूरा मामला इसकी ड्राइंग डिजाइन पर टिका है। पेयजल विस्तार का प्लान तीन बार संशोधित कर भोपाल भेजा जा चुका है। भोपाल के अधिकारी इसका अप्रूव देने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे गर्मी में शहर समेत आसपास की बस्तियों में काम शुरू नहीं हो पा रहा है। शहरी-ग्रामीण इलाकों में पानी की हायतौबा मची है। रहवासियों को राहत नहीं मिल पा रही है।
पिछले साल 2023 में इस योजना में पहले 110 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया था। केन्द्र सरकार ने 64 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। काफी मशक्कत के बाद सरकारी बजट केवल 74 करोड़ रुपए तक आया। इसके बाद इस राशि के अनुरूप प्रोजेक्ट को राज्य तकनीकी समिति ने मंजूर किया। फिर एजेंसियों के टेंडर में जियो मिलर दिल्ली को इसका ठेका मिला।
इस योजना में पहला खजरी काम तालाब को पुर्नजीवित करने इसका उन्नयन होगा। जिसमें पाथ वे का निर्माण भी होगा। दूसरा फैक्टर अमृत 1.0 में शेष रह गए गांवों और शहरी इलाकों में पानी टंकी और पाइप लाइन विस्तार का 180 किमी का वितरण सिस्टम तैयार होगा। साथ ही पाठाढाना, बजरंग नगर, शक्कर मिल टेकरी, आदर्श नगर और जेल के पास पानी टंकी बनेगी। तीसरा फैक्टर भरतादेव 11 एमएलडी प्लांट का संधारण तथा भरतादेव प्लांट से लेकर कन्हरगांव डैम तक क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को बदला जाएगा।
निगम की जानकारी के अनुसार इस योजना में पहले नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार 48 वार्ड की 2.76 लाख आबादी को पेयजल आपूर्ति करने घरेलू और सार्वजनिक रूप से 40 हजार नल कनेक्शन दिए गए हैं। कन्हरगांव और माचागोरा डैम का पानी 57 पेयजल टंकी तथा 100 बोर के माध्यम से घर-घर पहुंचता है। प्रति व्यक्ति पानी की राष्ट्रीय औसत खपत 135 लीटर है।
अमृत 2.0 योजना की निर्माण एजेंसी का ड्राइंंड डिजाइन संबंधी कार्य भोपाल से होना शेष है। तीन बार संशोधित प्रस्ताव भेजे गए है। अप्रूव होने पर ही निर्माण कार्य शुरू होगा। फिलहाल निर्माण एजेंसी को नोटिस दिया गया है।
-विवेक चौहान, सहायक यंत्री और पेयजल प्रभारी नगर निगम छिंदवाड़ा।
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Published on:
20 Apr 2025 11:55 am
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