
Arbitrary: मनमानी पर उतारू हुए निजी स्कूल, पालकों से मांग रहे फीस
छिंदवाड़ा. जिले के अधिकतर निजी स्कूल एक बार फिर मनमानी पर उतारू हो गए हैं। डेढ़ माह से स्कूल बंद होने के बावजूद भी पालकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर फीस मांगा जा रहा है। गौरतलब है कि वैश्विक आपदा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए डेढ़ माह से लॉकडाउन है। सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। परीक्षाएं भी आयोजित नहीं की जा रही हैं, लेकिन इस संकट में भी कुछ स्कूल संचालक मानवता को ताक पर रखकर मनमानी कर रहे हैं। कुछ दिन पहले तक जिले के कुछ संचालकों ने पालकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर कॉपी, किताब खरीदने के लिए कहा। हैरानी की बात यह थी कि पालकों के पास न सिर्फ कॉपी, किताब के लिए बल्कि किस दुकान से यह सामान लेना है उसकी भी जानकारी दी गई। लॉकडाउन में कामकाज ठप होने के बावजूद भी पालकों ने किसी तरह से बच्चों की किताब, कॉपियों की व्यवस्था की, लेकिन अब स्कूल संचालकों द्वारा फीस के लिए मैसेज भेजे जाने से वह मानसिक दबाव में आ गए हैं। पालकों का कहना है कि प्रशासन को इस संबंध में स्कूलों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
ऑनलाइन अध्ययन के नाम पर मांगी जा रही फीस
निजी स्कूल संचालक लॉकडाउन में विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन कराने के नाम पर फीस मांग रहे हैं। कुछ स्कूल तो पालकों को दस से तीस प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दे रहे हैं। एक स्कूल द्वारा पालकों को भेजे गए मैसेज में कहा गया है कि मई माह तक की पूरी फीस दस प्रतिशत डिस्काउंट के साथ जमा करें। वहीं दूसरी तरफ कुछ स्कूल संचालकों ने पालकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर यह बता दिया है कि उन्हें आज नहीं कल पूरी फीस देनी होगी।
क्या कहते हैं पालक...
लॉकडाउन में स्कूल बंद हैं। इसके बावजूद भी अगर कोई स्कूल संचालक फीस ले रहे हैं तो यह गलत बात है।
मोहन सोनी, पालक
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प्रशासन को पहल करनी चाहिए। लॉकडाउन में सबकी हालत खराब है। पालक कहां से फीस लाएगा।
वीरबहादुर सिंह बैस, पालक
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लॉकडाउन की वजह से सबकुछ बंद है। ऐसे में स्कूलों को फीस के लिए नहीं कहना चाहिए। प्रशासन को आगे आकर बाद करनी होगी।
अभिलाषा सोनी, पालक
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जब स्कूल ही बंद है तो फिर कोई भी स्कूल संचालक कैसे फीस के लिए कह सकता है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना होगा।
प्रदीप, पालक
अभी तक हमारे बच्चों के स्कूल से फीस के लिए मैसेज नहीं आया है और मेरे हिसाब से आना भी नहीं चाहिए।
डी. सोनी, पालक
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ऑनलाइन अध्ययन के नाम पर अगर कोई भी स्कूल संचालक फीस मांग रहा है तो गलत है।
रश्मि, पालक
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इस समय सबसे अधिक मध्यमवर्गीय और निम्न वर्ग प्रभावित है। निजी स्कूलों को दो माह की फीस माफ करनी चाहिए।
निधि जैन, पालक
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कई लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं। वह बच्चों की फीस कहां से देंगे। प्रशासन ध्यान दे तो ही समस्या होगी हल।
बिट्टू मंडराह, पालक
Published on:
14 May 2020 11:47 am
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