छिंदवाड़ा . 14 दिसम्बर से लगा खरमास समाप्त होते ही अब मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है। अब विवाह की शहनाई की गूंज सुनाई देगी। इस वर्ष शादी के लिए कई मुहूर्त हैं। मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी को खरमास की समाप्ति हो गई है। इधर एक फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इसके साथ ही 28 अप्रैल को सम्पन्न होने वाले अक्षय तृतीया के पर्व विवाह के सर्वश्रेष्ठ एवं शुभ मुहूर्त रहेंगे। इन दोनों पर्व में सर्वाधिक विवाह सम्पन्न होने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों में बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया में शादियां सम्पन्न नहीं हो पाई थीं। परंतु इस बार विवाह के मुहूर्त हैं।
ज्योतिषाचार्य शांतनु शास्त्री ने बताया कि माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी मेघा नक्षत्र से खरमास की समाप्ति हुई है। विवाह एवं अन्य शुभ कार्य गृह प्रवेश, भूमि-पूजन, गृहारम्भ का सिलसिला शुरू हो गया है। विवाह का सिलसिला 13 मार्च तक चलता रहेगा। 2016 में अप्रैल, मई, जून एवं जुलाई के महीनों में बृहस्पति एवं शुक्र के अस्त होने के कारण ग्रीष्मकालीन अवकाश में विवाह सम्पन्न नहीं हो पाए थे, परंतु 2017 में इन माह में विवाह के मुहूर्त हैं। इस वर्ष 14 मार्च से अप्रैल की अवधि में सूर्यदेव पुन: बृहस्पति की मीन राशि में गोचर करेंगे। यह अवधि पुन: खरमास की कहलाएगी। इस अवधि में भी विवाह एवं अन्य शुभ-कार्य सम्पन्न नहीं हो पाएंगे। 18 अप्रैल से पुन: विवाहों का सिलसिला शुरू होगा।